नदीम पर होगा एक लाख का इनाम

- पंद्रह साल से लूटपाट की वारदातों को दे रहा है अंजाम

- चार राज्यों की पुलिस के लिए बना हुआ है सिरदर्द

- सर्राफ के बेटे को गोली मारते हुए सीसीटीवी में हुआ कैद

Meerut । शास्त्रीनगर में सर्राफ के घर लूटपाट की कोशिश कर बेटे को गोली मारने वाले बदमाशों का सरगना नदीम उर्फ परवेज अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। हालांकि पुलिस कागजों में उसे पकड़ने की भरपूर कोशिश कर रही है। अभी तक वो 50 हजार का इनामी था, लेकिन जल्द एक लाख का इनामी होने वाला है।

फुटेज से हुई पहचान

गत 3 मार्च को शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में देवेंद्र वर्मा के घर बाइक सवार तीन बदमाशों ने शोरूम व घर में लूटपाट का प्रयास किया था। सर्राफ के बेटे बैंक मैनेजर अमित वर्मा ने बदमाशों को पकड़ने का प्रयास किया तो बदमाशों ने उसे गोली मार दी। पुलिस ने फुटेज के आधार पर बदमाश की पहचान नदीम उर्फ परवेज के रूप में की थी। उसके दूसरे साथी की पहचान उसके साले बबलू व तीसरे साथी शाहवाज के रूप में हुई थी। पुलिस ने दो दिन बाद शाहवाज को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।

नाकाम रही पुलिस

समर गार्डन लिसाड़ी गेट का निवासी नदीम उर्फ परवेज पिछले 15 सालों से लगातार जरायम की दुनिया में बना हुआ है। मेरठ से इनाम घोषित होते ही वह गाजियाबाद के डासना में जाकर रहने लगा। हुमायू नगर में उसका साला बबलू रहता है। शाहवाज व बबलू के साथ मिलकर नदीम ने सर्राफ के घर में लूटपाट के विरोध में गोली चलाई थी। पुलिस ने शाहवाज को पकड़ लिया। लेकिन नदीम उर्फ परवेज व उसके साले बबलू को गिरफ्तार नहीं कर सकी।

पचास हजार का इनाम

पुलिस की नाकामी यह है कि उसके खिलाफ 50 हजार का इनाम पिछले दो सालों से है। वह वांटेड भी चल रहा है। पुलिस ने उसको घेरने की तैयारी नहीं की। अगर पुलिस उसकी पहले गिरफ्तारी करने का प्रयास करती तो अब तक वह सलाखों के पीछे अपने जुर्म की सजा काट रहा होता।

एडीजी को भेजी फाइल

एसएसपी नितिन तिवारी का कहना है कि देवेंद्र वर्मा की देवेम सर्राफ की दुकान में लूटपाट उसके बेटे को गोली मारने वाला गाजियाबाद डासना का वांटेड नदीम बदमाश था। उसकी पहचान फुटेज के आधार पर की गई थी। उसके ऊपर इनाम की राशि बढ़ाने के लिए फाइल एडीजी जोन प्रशांत कुमार के पास भेज दी गई है। जल्द ही उस पर एक लाख का इनाम घोषित हो जाएगा।

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मेरठ में 15 केस

लिसाड़ी गेट में 15 साल पहले नदीम उर्फ परवेज के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद उसके खिलाफ मुकदमों की लाइन लग गई। सिर्फ मेरठ में लूट व डकैती के 15 मुकदमें अलग-अलग थानों में दर्ज हैं, लेकिन पुलिस ने उसकी घेराबंदी करने का प्रयास नहीं किया।

परिवार समेत फरार

पुलिस का कहना है कि नदीम गाजियाबाद के डासना में रहता था। जबकि उसका परिवार हुमायूं नगर में रह रहा था। लेकिन घटना के बाद उसका परिवार भी भूमिगत हो गया।

लूट व डकैती में है माहिर

शास्त्रीनगर में जितनी भी लूट व डकैती की घटनाएं हुई है, उसमें उसका नाम सामने आया था। वह लूट व डकैती की घटना को अंजाम देने में माहिर है।

कई साथी हो चुके हैं ढेर

नदीम के गैंग में शामिल आस मोहम्मद, वीसू नाई, आजम समेत कई बदमाश दिल्ली व हरियाणा पुलिस के एनकाउंटर में ढेर हो चुके है। वह कई बार पुलिस की गिरफ्त से बच चुका है।

हर बार नया गैंग

पुलिस का कहना है कि नदीम के बारे में जितनी जानकारी मिली है, उसमें यही निकलकर आया है कि वह घटना को अंजाम देने के लिए हर बार नया गैंग बनाता है। इसके बाद वह घटना को अंजाम देकर दूसरे राज्य में शिफ्ट हो जाता है।

कई राज्यों में नेटवर्क

पुलिस का कहना है कि वह ज्यादातर दिल्ली, हरियाणा, मुंबई व उत्तराखंड में क्राइम की घटना को अंजाम देता है। इसके बाद वह एक राज्य से दूसरे राज्य में चला जाता है

Posted By: Inextlive