स्मार्ट का नाम, मैनुअल कर रहे काम
- नगर निगम में कम्प्यूटरों की कमी से ई-गवर्नेस सर्विस प्रभावित
- तमाम विभागों में जरूरत के हिसाब से नहीं हैं कम्प्यूटर >varanasi@inext.co.in VARANASI एक तरफ सरकार सभी विभागों में ई-गवर्नेस सर्विस को पूरी तरह लागू करने का दावा कर रही है। वहीं शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की जिम्मेदारी ओढ़ने वाला नगर निगम खुद ही आज तक 'स्मार्ट' नहीं हो पाया है। निगम के अधिसंख्य विभागों में अभी भी पुराने ढर्रे फाइलों-कागजों पर ही काम चल रहा है। कुछेक को छोड़ दें तो जिन विभागों में कम्प्यूटर है। उससे कर्मचारियों की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में जनहित गारंटी योजना समेत पब्लिक के तमाम जरूरी काम प्रभावित हो रहे हैं। कार्य में समय ज्यादा लगता है। मैनुअल व्यवस्था से फाइलों का रखरखाव करना भी टेढ़ी खीर साबित हाेता है। डिमांड के हिसाब से सिस्टम नहींदरअसल, नगर निगम में ढाई दर्जन से ज्यादा विभाग हैं। इसमें करीब 20 विभाग पब्लिक से सीधे तौर पर जुड़े हैं। अन्य विभाग भी अप्रत्यक्ष तौर पर पब्लिक से ही जुड़े रहते हैं। इधर बीच, जनहित गारंटी योजना से जुड़े काम के अलावा अन्य तमाम कार्यो को पूरा करने की अवधि तय कर दी गई। इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट भी डेली और वीकली शासन को भेजनी होती है। ऐसे में जिन विभागों में कम्प्यूटर नहीं हैं या कम हैं। उनके लिए रिपोर्ट भेजना टेढ़ी खीर साबित होता है। रिपोर्ट भेजने के लिए निगम के कम्प्यूटर सेल पर निर्भर रहते हैं। जिससे सेल पर काम बढ़ जाता है।
कम्प्यूटर खराब तो व्यवस्थ्ा धड़ाम नगर निगम के प्रधान कार्यालय और जोनल कार्यालयों में लगे कम्प्यूटर काफी पुराने हो चुके हैं। ऐसे में कम्प्यूटर्स खराब होने पर उसे मेंटेन करने में समय लगता है। जिससे काम पर प्रभाव पड़ता है। तमाम कार्यो के कम्प्यूट्राइज्ड होने से वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मैनुअल काम करना सम्भव नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति महीने में कई बार आती है। इन विभागों में दिक्कत - स्वास्थ्य विभाग - सामान्य विभाग - लेखा विभाग - अतिक्रमण विभाग - लाइसेंस विभाग - विज्ञापन विभाग - परिवहन विभाग - उद्यान विभाग - पशु चिकित्सा विभाग - जोनल कार्यालय एक नजर - 32 विभाग हैं नगर निगम में - करीब 180 क्लर्क तैनात हैं निगम में - 04 हजार से ज्यादा हैं निगम में कर्मी - 40 से ज्यादा कम्प्यूटर हैं निगम मेंकम्प्यूटर्स की कमी और खराबी से रुटीन वर्क असर जरूर पड़ता है। 14वां वित्त मद से पिछले दिनों 15 नए कम्प्यूटर मंगाए गए हैं। जिसे विभागों को जरूरत के हिसाब से दिया गया है। आगे जरूरत के हिसाब से कम्प्यूटर मंगाए जाएंगे।
अजय कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त