-स्वच्छता सर्वेक्षण समाप्त होते ही धड़ाम हुई सफाई व्यवस्था

-नगर निगम से संबद्ध मुहल्लों में बजबजाने लगा कूड़ा

-अपने ही एरिया में सफाई नहीं करा पा रहा नगर निगम

-32 वार्ड में एजेंसी के माध्यम से शुरु होना है काम

स्मार्ट सिटी बनारस में ग्रीन काशी-क्लीन काशी का नारा खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। इधर स्वच्छता सर्वेक्षण का काम पूरा होते ही सिटी की साफ-सफाई की व्यवस्था फिर पुराने ट्रैक पर लौटने लगी है। शहर के ऐसे कई गली मुहल्ले है जहां घर-घर कूड़ों का अंबार लगा हुआ है। बावजूद इसके कूड़ों का उठान नहीं हो रहा है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि ये सब नगर निगम के उस क्षेत्र में हो रहा है, जहां नगर निगम का खुद का राज हैू। वहीं जिन एरिया में कूड़ा उठान और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है, वहां व्यवस्था निगम से काफी बेहतर है। अब ऐसे मे सवाल उठता हैं कि नगर निगम जिन सफाई कर्मियों को मोटी सैलरी दे रहा है, क्या वे काम नहीं कर रहे है।

वरूणा पार में सबसे ज्यादा गंदगी

इन दिनों वरूणा पार क्षेत्र में सबसे ज्यादा गंदगी देखने को मिल रही है। यहां दर्जनों ऐसे मुहल्ले है जहां कूड़ा कलेक्शन तो दूर दूर कूड़ों का उठान तक नहीं हो रहा। इसको लेकर न तो नगर निगम के कर्मचारी गंभीर है और अधिकारी, जिन्हे व्यवस्था दुरुस्त रखवाने की जिम्मेदारी दी गई है।

प्रस्ताव हो पास तो कूड़ा हो साफ

शहर को स्वच्छ करने वाले नगर निगम अपनी ही बनाई योजना में फेल हो रहा है। घरों के बाहर कूड़ा फैलने से पहले इसे घर से ही कलेक्ट करने के निगम का प्रस्ताव यहांकी सरकार पास नहीं कर रही, जिसकी वजह से सफाई व्यवस्था ध्वस्त होती जा रही है। निगम स्वास्थ्य अधिकारियों की माने यहां के 32 वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए प्रपोजल तैयार कर सदन में भेज दिया गया है, लेकिन अभी भी यह प्रस्ताव अटका हुआ है। ऐसे में घर के बाहर कूड़ा तो जमा ही हो रहा साथ ही शहर भी गंदा हो रहा है।

केयाना का काम है बेस्ट

शहर के 29 वार्ड और ग्रामीण क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, दोनों टाइम कूड़ा उठान और स्विपिंग की जिम्मेदारी केयाना एजेंसी को दी गई है। अधिकारियों की माने तो केयाना का काम सबसे बेस्ट है। किसी भी क्षेत्र से विभाग को कोई शिकायत नहीं मिली कि वहां कूड़ों का उठान नहीं होता। इनके काम की तारिफ खुद नगर आयुक्त और डीएम भी कर चुके है।

लोगों की भी है लापरवाही

शहर की साफ सफाई को लेकर जरुरी नहंी कि हर बार जिम्मेदार नगर निगम या एजेंसी ही हो। शहर में अभी भी लोगों की आदत सुबह कूड़ा उठने के बाद दोबारा फेंकने बनी हुई है। वहीं जिस एरिये में एजेंसी के माध्यम से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम हो रहा है। वहां लोग वेंडर 50 रूपए माह भी देने में कतराते है। इससे कूड़ा उठाने वाली एजेंसी को हर माह काफी लॉस भी उठाना पड़ रहा है।

जिन 32 वार्ड में होना है कूड़ा कलेक्शन, वहां की स्थिति है खराब

जोन वार्ड संख्या

खोजवा 06

नगवा 08

कोतवाली 05

चौक 03

दशाश्वमेध 03

भेलूपुर 02

चेतगंज 06

कौन कहां कर रहा कलेक्शन

38

वार्ड में नगर निगम कर रहा है काम

29

वार्ड में केयाना एजेंसी कर रही कूड़ा व कलेक्शन का काम

23

वार्ड में आईएल एन एफएस कर रही काम

35

हजार घरों का अकेले केयाना कर रहा कूड़ा कलेक्शन

इस शहर में लोग जरुरत से ज्यादा कूड़ा फैलाते है। निगम सिर्फ सुबह में ही कूड़ा उठाता है। लेकिन लोग कूड़ा उठने के बाद भी फेंकते रहते है। मैन पावर कम है, लिहाजा हर वक्त कूड़ा नहंी उठाया जा सकता। हालांकि जिन वार्ड में एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई है, वहां काम ठीक चल रहा है।

डॉ। एके दूबे, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

Posted By: Inextlive