-नगर निगम की ओर से शहर में स्वच्छता के लिए लगवाए गए 450 हैंगिंग डस्टबीन हो गए गायब

-अब गलियों और सड़कों पर ही खुलेआम फेंका जा रहा है कूड़ा,

-निगम के पास नहीं है रिकॉर्ड कि कहां-कहां लगे थे डस्टबीन

बनारस को देश का सबसे क्लीन और स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सेंट्रल से लेकर स्टेट गवर्नमेंट तक जी जान से जुटी हुई हैं। वहीं शहर की सरकार ने भी यहां स्वच्छता को लेकर अभियान छेड़ रखा है। लेकिन हकीकत ये है इनके ही विभाग के लोग उनकी इस मंशा पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। सड़क हो या गली, कहीं भी कूड़ा न फैले, इसके लिए पिछले साल नगर निगम की ओर से मुहल्ले वार हैंगिंग डस्टबीन लगवाये गये थे, लेकिन महज एक साल में ही ये सारे डस्टबीन कैसे गायब हो गए? इसकी जानकारी नगर निगम के अफसरों को भी नहीं है। जबकि इन डस्टबीन की निगरानी के लिए सुपरवाइजर्स की तैनाती भी की गई है। अब डस्टबीन के गायब हो जाने से लोग घर का कूड़ा कचरा खूलेआम गलियों और सड़कों पर ही फेंक दे रहे हैं। इससे इन स्थानों पर दुर्गध के चलते आना जाना मुश्किल हो रहा है। वहीं अधिकारियों की दलील है कि मुहल्ले के लोग डस्टबीन में कूड़ा डालने के बजाए ईट पत्थर डालने लगे थे, जिसकी वजह से वे टूट गए।

कहीं इंसान तो कहीं जानवरों ने कर दिया बर्बाद

बता दें कि 2014 में बनारस से सांसद चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने अस्सी घाट पर झाड़ू लगाकर स्वच्छता के लिए हुंकार भरी थी। जिसके बाद नगर निगम की ओर से शहर में सुबह-शाम झाड़ू लगाने और कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल एरिया में कूड़ा रखने के लिए डस्टबीन रखवाये गए थे, ताकि लोग कूड़ों को सड़क पर फेंकने के बजाए इसी डस्टबीन में फेंके जिससे कि वहां साफ-सफाई बनीे रहे। अधिकारियों की मानें तो कुछ मुहल्लों में तो वहां के लोगों ने ही डस्टबीन को बर्बाद कर दिया, जो बचे उसे जानवरों ने कूड़ा खाने के चक्कर में तोड़ दिया।

गलियों से ज्यादा निकलता है कूड़ा

शहर में रोजाना जितना कूड़ा निकलता है। उसमें से 75 फीसदी कूड़ा गलियों से कलेक्शन किया जाता है। ऐसे में सुबह 10 बजे के बाद भी गलियों में कूड़ा फेंकने का सिलसिला जारी रहता है, जिसकी वजह से कूड़ा रास्ते में फैला रहता है। कई मोहल्लों में तो इतना कूड़ा इकट्ठा हो जाता है कि उससे निकलने वाली दुर्गन्ध से जीना मुहाल हो जाता है। अगर डस्टबीन की प्रॉपर व्यवस्था रहती तो ऐसी परेशानी न होती।

एक नजर

व्यवस्था तमाम तो भी सफाई धड़ाम

2,750

टोटल सफाईकर्मी हैं नगर निगम में

2000

हैं स्थायी व संविदा सफाईकर्मी

76

वार्डो में सफाई व कूड़ा उठान सफाईकर्मियों के जिम्मे

600

एमटी कूड़ा शहर में निकलता है डेली

14

वार्डो में सफाई की पूरी व्यवस्था कराती है आईएलएफस

650

से ज्यादा गलियां हैं शहरी एरिया में

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फैक्ट फाइल

-441 हैंगिंग डस्टबीन शहर में लगाए गए थे

-690 बड़े डस्टबीन रोड साइड में लगाए गए हैं

-38 कूड़ाघर हैं शहर में

-03 बार होता है कूड़ाघर से कूड़े का उठान

-160 छोटे-बड़े वाहन हैं निगम के पास कूड़ा उठाने के लिए

-2800 सफाईकर्मी निगम में

-03 निजी एजेंसियां भी कराती हैं सफाई

-एक कूड़ा निस्तारण प्लांट करसड़ा में

02 कलर के होते हैं डस्टबीन

-नीला सूखा कूड़ा के लिए हरा गीला कूड़ा के लिए

वर्जन--

विभाग की ओर से शहर के कूड़े को इकट्ठा करने के लिए हैंगिग डस्टबीन लगाए गए थे, लेकिन कहीं जानवरों ने कूड़ा खाने के लिए तो कहीं लोगों ने ईट पत्थर डालकर उसे खराब कर दिया। 1000 हजार नए डस्टबीन लगाने का प्लान हैं।

डॉ। एके दूबे, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

Posted By: Inextlive