8 अगस्त को खत्म हो जाएगा मेयर और पार्षदों का कार्यकाल

चुनाव होने तक बढ़ सकता है मेयर का कार्यकाल

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ALLAHABAD: शहर के 80 वार्डो में रहने वाले लोग एलर्ट हो जाएं। अगर आपके मोहल्ले में नाला नाली, साफ-सफाई के साथ ही नगर निगम से संबंधित कोई अन्य काम सभासद के थ्रू कराए जाने हैं, तो 33 दिन के अंदर यानी आठ अगस्त से पहले जरूर करा लें। नहीं तो पांच साल से आपके वार्ड के पार्षद बने पार्षद जी, चाह कर भी कोई काम नहीं करा पाएंगे। उनके प्रस्तावों और सुझावों पर नगर निगम के अधिकारी सुनेंगे या नहीं, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि, पार्षद जी पार्षद ही नहीं रह जाएंगे। पार्षदों के साथ ही मेयर का भी कार्यकाल उसी दिन खत्म हो जाएगा। लेकिन शासन की सहमति पर चुनाव होने तक उनका कार्यकाल बढ़ सकता है। जिसकी पूरी संभावना है।

कार्यकाल के बाद सुझाव भी नहीं देंगे

हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि नगर निगम का बाईलाज ऐसा कह रहा है। आठ अगस्त 2017 को शहर के सभी 80 वार्ड के पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसमें अब केवल 33 दिन ही बचा है। आठ अगस्त के बाद नगर निगम एक्ट के अनुसार पार्षदों का नगर निगम के साथ ही अपने क्षेत्र से अधिकार समाप्त हो जाएगा। वे नगर निगम के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे और न ही कोई सुझाव ही दे सकेंगे। कार्यकाल समाप्त होने के बाद बोर्ड की मीटिंग भी नहीं होगी।

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मेयर को मिल सकता है लाभ

आठ अगस्त को कार्यकाल तो मेयर अभिलाषा गुप्ता का भी समाप्त हो जाएगा। प्रदेश में भाजपा की सरकार होने और योगी सरकार से उनकी निकटता को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि उनका कार्यकाल बढ़ सकता है। यह तभी होगा, जब शासन स्तर से आदेश आएगा। ऐसा पहले भी हो चुका है। इसलिए उम्मीद है कि इस बार भी वैसा ही होगा। कार्यकाल बढ़ता है तो मेयर अपने पद पर नयी कार्यकारिणी के गठन तक बनी रहेंगी। अधिकार भी निहित रहेंगे। बस बोर्ड की मीटिंग नहीं होगी।

नगर निगम कार्यकारिणी

12 जुलाई 2012 को आया था नगर निकाय चुनाव का रिजल्ट

19 जुलाई को मेयर के साथ पार्षदों ने शपथ लेकर संभाला था काम

80 पार्षदों के चयन और नए बोर्ड के तैयार होने के बाद 8 अगस्त को हुई थी नगर निगम बोर्ड की पहली सदन

म्युनिसिपल एक्ट के अनुसार जिस दिन होती है नगर निगम बोर्ड की पहली सदन उसी दिन से मानी जाती है मेयर और पार्षदों के कार्यकाल की शुरुआत

2012 में चुनाव जीते पार्षदों और मेयर ने शपथ तो 19 जुलाई को लिया था। नगर निगम बोर्ड और सदन की पहली बैठक आठ अगस्त को हुई थी। इसलिए सभी का कार्यकाल आठ अगस्त तक माना जाएगा। उसके बाद पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। चुनाव होने तक मेयर का कार्यकाल बढ़ सकता है। ऐसा पहले भी हो चुका है।

-एसएल यादव

लीगल एडवाइजर, नगर निगम

Posted By: Inextlive