नगर निगम नजरअंदाज कर रहा आदेश
-स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू, मलेरिया को लेकर पहले ही किया था आगाह
-पर जलभराव की समस्या नहीं हुई दूर, बगैर फॉगिंग कैसे भागेंगे मच्छर ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ बीमारी के इस सीजन में बनारस के तमाम क्षेत्रों से डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। इनमें 50 से ज्यादा कंफर्म केस आ चुके हैं। इसके बावजूद नगर निगम डेंगू की रोकथाम के लिए गंभीर नहीं दिख रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने तीन माह पहले ही बीमारी फैलने की आशंका को लेकर नगर निगम को आगाह किया था, लेकिन बचाव के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसका नतीजा है कि जिले में डेंगू के साथ मलेरिया का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। 10 बार लिखा गया पत्रअधिकारियों की मानें तो मलेरिया विभाग जून-जुलाई में डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया था। बीते तीन माह में विभाग ने नगर निगम को 8 से 10 बार पत्र लिखकर संवेदनशील एरिया में जलजमाव की समस्या को दूर कराने को कहा था, लेकिन निगम की ओर से किसी भी पत्र पर भी ध्यान नहीं दिया गया। जबकि मलेरिया विभाग ने हर पत्र में एक-एक स्थान पर कराए गए सर्वे के हवाले से जलजमाव की ओर इशारा किया था।
फॉगिंग की भी अनदेखीस्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहरी क्षेत्र में फॉगिंग शुरू हो जाना चाहिए लेकिन इसकी भी अनदेखी की जा रही है। इससे मलेरिया और डेंगू फैलने का खतरा और बढ़ता ही जा रहा है। अगर निगम के अफसर अभी भी न चेते तो आगे समस्या बढ़ सकती है।
यहां डेंगू-मलेरिया का खतरा कबीरनगर, खोजवां, सुन्दरपुर, सिगरा, बड़ी गैबी, सामने घाट, दुर्गाकुंड, कमच्छा, भेलूपुर, बजरडीहा, नगवां, दशाश्वमेध, औरंगाबाद, शंकुलधारा, रामापुरा, संत रविदास पार्क, ढेलवरिया, जक्खा, पाण्डेयपुर, चौकाघाट व नक्खी घाट है। डेंगू, मलेरिया फैलने से पहले इनकी रोकथाम के लिए नगर निगम को तीन माह में 10 पत्र लिखे गए, लेकिन निगम की ओर से किसी भी क्षेत्र में जलजमाव की समस्या दूर नहीं कराई गई और न ही फॉगिंग कराई गई। शरद पाण्डेय, जिला मलेरिया अधिकारी