- दो हजार वर्ग मीटर का है नगमा का अस्थाई ठिकाना

- दस सालों में भेजे गए हैं तीन अवैध निर्माण के नोटिस

- चुनाव के बाद दोबारा से होगी बंगले की जांच

Meerut : बंगला नंबर ख्ख्ख् के जिस स्ट्रक्चर में नगमा रह रही हैं वो पूरी तरह से अवैध है। इस जानकारी के बावजूद नगमा और उनका परिवार उस स्ट्रक्चर में बदस्तूर रह रहा है। कार्यकर्ता भी नगमा को यहां रहने से मना नहीं कर रहे हैं। वहीं कैंट बोर्ड के अधिकारी चुनाव से पहले उस बंगले की ओर झांकने की ओर तैयार नहीं है। आई नेक्स्ट को इस बंगले में जो जानकारी मिली है। जब आप इसे पढ़ेंगे हैरत में आ जाएंगे। आइए आपको भी बताते हैं कि बंगला ख्ख्ख् में किस तरह से नियमों को ताक पर रखे गए हैं।

तो पहले खाली मैदान था

कैंट बोर्ड से मिली जानकारी के अुनसार बंगला नंबर ख्ख्ख् के जिस हिस्से में आशुतोष मित्तल ने स्ट्रक्चर खड़ा किया है। वहां पहले खाली मैदान था। अब से क्भ् से ख्0 साल पहले कोई स्ट्रक्चर खड़ा नहीं था। वर्ष ख्000 के बाद से यहां पर निर्माण शुरू हुआ। कैंट बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार ये हिस्सा पूरी तरह से अवैध है। उस दौरान वर्ष ख्00ब् में कैंट बोर्ड की ओर से नोटिस भेजा गया था। बावजूद इसके कांग्रेस प्रत्याशी को उस विवादित स्ट्रक्चर में ठहराया गया।

दोबारा किया निर्माण

करीब भ् सालों के बाद जब पुराने स्ट्रक्चर से मन भरा तो उसे पूरा तोड़कर दोबारा से बनाने की कवायद शुरू हुई। आपको बता दें कि उस निर्माण को नए सिरे से तैयार करने के दौरान भी नियमों को की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। न तो कैंट बोर्ड में उस मकान का नक्शा बनवाया गया। न ही कोई दूसरी परमीशन ली गई। उस दौरान भी कैंट बोर्ड की ओर से महज नोटिस गया, जिसकी अपील आशुतोष मित्तल की ओर से मध्य कमान की गई थी।

साल बाद फिर हुआ पुन: निर्माण

चार साल भी नहीं बीते थे कि वहां पर दोबारा से दो कमरों का निर्माण हुआ। जी हां, वर्ष ख्0क्फ् में दोबारा से इस निर्माण में कोई नियम फॉलो नहीं हुआ। जिसके कारण कैंट बोर्ड को दोबारा से अवैध निर्माण का नोटिस थमाया गया। कैंट बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी में तीनों में से एक अवैध निर्माण की अपील की सुनवाई भी हुई थी। स्ट्रक्चर के मालिक आशुतोष मित्तल के अलावा बाकी कांग्रेसियों को भी इस बात की जरूर जानकारी जरूर होगी।

दो हजार फुट का स्ट्रक्चर

जिस स्ट्रक्चर में कांग्रेस प्रत्याशी रह रही हैं वो दो हजार स्क्वायर फीट का है। कैंट बोर्ड सूत्रों की मानें तो इसमें चार कमरों के अलावा एक डाइनिंग हॉल बना हुआ है। बाहर लॉन बनाया है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार इस पूरे स्ट्रक्चर की सुनवाई मध्य कमान में चल रही है। इससे पहले कोई कार्रवाई करनी मुमकिन नहीं है। सुनवाई के दौरान दोनों ओर के पक्ष वहां जाते हैं।

तीन भागों में बंटा बंगला

इस पूरे बंगले में सब डिविजन हुआ है, एक हिस्सा आशुतोष मित्तल का है। साथ वाला हिस्सा पंकज मित्तल का है। जो आशुतोष मित्तल का भाई बताया जा रहा है। तीसरा हिस्सा जैन का है। कैंट बोर्ड के नियमों के अनुसार इस पूरे बंगले का म्यूटेशन हो सकता है। न ही नक्शा पास हो सकता है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार इस बंगले की फाइल को तलाशने की कोशिश की जा रही है। ताकि इस बंगले के मूल मालिक की जानकारी हासिल की जा सके। वैसे इस बंगले के मूल मालिक का नाम किशन कांत गुप्ता है। इस पूरे बंगले का एरिया करीब ब् एकड़ है।

चुनाव के बाद जाएंगे

कैंट बोर्ड के आलाधिकारियों की मानें तो बंगले में मौजूदा समय में कोई अवैध निर्माण की सूचना नहीं मिली है। फिर भी हम इस बंगले में चुनाव के बाद ही इंस्पेक्शन करेंगे। अधिकारियों का कहना है अभी कर्मचारी और इंजीनियर्स को चुनाव ड्यूटी पर लगा दिया गया है। जबकि बंगले में अभी भी काम जारी है। जब तक चुनाव खत्म होंगे, तब तक निर्माण पूरी तरह से समाप्त हो चुका होगा।

हमारे अभी सारे डिपार्टमेंट के अधिकारी चुनाव की ड्यूटी में लगे हुए है। इसलिए अभी इंस्पेक्शन करना संभव नहीं है। वैसे हमें अवैध निर्माण की सूचना नहीं है।

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड

Posted By: Inextlive