-बजट का 40 परसेंट धनराशि केंद्र सरकार तत्काल करेगी जारी

-योजना के पूरा होने के 15 साल बाद तक रिजल्ट को परखेगी सरकार

-रिजल्ट बेहतर मिलने पर शेष 60 परसेंट की धनराशि मय ब्याज संस्था को अदा करेगी गवर्नमेंट

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VARANASI

बनारस में गंगा में वर्ष 2018 तक एक बूंद भी मलजल न जाए, इसके लिए रमना में प्रस्तावित एसटीपी की आधारशिला शनिवार को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने रख दी। भरोसा दिलाया कि रमना में अस्सी नाले से निकलने वाले मलजल को शोधित किया जाएगा। इसके बाद नगर का मलजल गंगा में नहीं जाएगा क्योंकि रमना के अलावा दीनापुर में 140 एमएलडी व गोइठहां में 120 एमएलडी का एसटीपी निर्माणाधीन है।

जवाबदेही होगी तय

केंद्रीय मंत्री उमा भारती के अनुसार नमामि गंगे के तहत जो भी कार्य होंगे उसकी जवाबदेही तय होगी। इसी के तहत रमना में प्रस्तावित एसटीपी के निर्माण की जो नींव रखी गई है वह पूर्व में बने एसटीपी से अलग होगी। रमना में एसटीपी का निर्माण पीपीपी मॉडल के तहत होगा। इसका निर्माण शुरू होने के साथ ही सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से 40 परसेंट की धनराशि तय बजट के सापेक्ष दे दी जाएगी। इसके बाद कार्य पूरा होने के 15 साल तक सरकार परियोजना के रिजल्ट के आधार पर समीक्षा करेगी। यदि निष्कर्ष बेहतर निकले तो संबंधित संस्था को शेष 60 परसेंट की रकम मय ब्याज अदा करेगी और यदि रिजल्ट दुरुस्त नहीं मिले तो बकाया 60 परसेंट की धनराशि जब्त कर ली जाएगी।

STP की होगी स्पेशल डिजाइन

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि रमना में एसटीपी का जो ब्लू प्रिंट बना है वह विशेष प्रकार का है क्योंकि यह क्षेत्र गंगा में आने वाले बाढ़ के दायरे में है। इसलिए एसटीपी के चहुंओर बंधा बनाया जाएगा ताकि बाढ़ आने पर भी एसटीपी का संचालन प्रभावित न हो।

पहाड़ों पर औषधि पौध

गंगा में अमृत गुण उसके किनारों पर लगाये गए औषधि पौधों से है। इसलिए पहाड़ों पर जहां-जहां से गंगा गुजरी हैं वहां मौसम के अनुकूल औषधि गुणों के पौधे रोपे जाएंगे। इसके अलावा मैदानी क्षेत्र में किनारों पर कटान रोकने के लिए बड़े पौधे रोपे जाएंगे।

Posted By: Inextlive