अर्द्धकुंभ के पहले कायाकल्प
नमामि गंगे प्रोजेक्ट से शहर की सूरत बदलने की तैयारी सबहेड
दो हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की योजनाओं को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी ALLAHABAD: गंगा का पानी स्वच्छ, निर्मल और अविरल होगा। नदी में मत्स्य प्रजातियों का बसेरा होगा। घाटों की सेहत दुरुस्त होगी और शवदाह के लिए स्थाई व्यवस्था। नाले और सीवर का पानी ट्रीट करके फिर से इस्तेमाल में लाया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो अर्द्धकुंभ से पहले ये सारे कार्य पूरे हो चुके होंगे। यह सब कुछ होगा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत। गुरुवार को इलाहाबाद में नमामि गंगे प्रोजेक्ट का शुभारंभ करने आई केन्द्रिय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गंगा का पानी अमृत बनाने के मिशन पर काम शुरू हो चुका है। परिणाम भी जल्द दिखने शुरू हो जाएंगे। दस घाटों का नवीनीकरणनमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा नदी के किनारे दस घाटों का नवीनीकरण किया जाएगा। आठ घाटों पर शवदाहगृह बनाए जाएंगे। गंगा में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दो हजार करोड़ से अधिक की लागत से सीवरेज सिस्टम को अपगे्रड किए जाने को मंजूरी मिल चुकी है। इससे नाले और सीवर से आने वाले पानी की शोधन क्षमता में इजाफा होगा। शहर में चार नए एसटीपी बनेंगे। इससे फाफामऊ, नैनी और झूंसी को भी कवर किया जाएगा जाकि गंगा में गंदगी जाने का कोई रास्ता न बचे। फूलपुर के सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने नमामि गंगे योजना के तहत प्रस्तावित परियोजनाओं के शुभारंभ प्रोग्राम के दौरान यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री पूरा कर रहे हैं अपना वादा सांसद केशव प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के समय गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने का वादा किया था। वह अपने वादे को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इलाहाबाद में योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री के जनता से किए वादे का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि सीवरेज सिस्टम को बेहतर करने के लिए इलाहाबाद में 1233 करोड़ की लागत से काम चल रहे हैं। 795 करोड़ से होने वाले काम के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, उप्र जल निगम को नमामि गंगे योजना के तहत दो हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत के परियोजनाओं को संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ----------- इन परियोजनाओं पर चल रहा काम योजनाएंलागत
नैनी पुल पर राइजिंग मेन चेंज 42.04 सीवरेज एवं नॉन सीवरेज कार्य 305.34 सीवरेज डिस्ट्रिक्ट ई योजना 42.40 14 एमएलडी सलोरी एसटीपी 146.87 सीवरेज डिस्ट्रिक्ट सी योजना 288.94 सीवरेज डिस्ट्रिक्ट ए योजना 265.86 सीवरेज डिस्ट्रिक्ट बी योजना 265.86 (कुल लागत- 1233.45 करोड़) इन योजनाओं को मिल चुकी मंजूरी डिस्ट्रिक्ट ई की सीवरेज योजना पार्ट टू 52.78 फाफामऊ में आईएंडडी एवं एसटीपी 188.88 नैनी में आईएंडीडी एवं एसटीपी 319.41 झूंसी में आईएंडडी एवं एसटीपी 234.77 (कुल लागत- 795.84 करोड़) कुंभ से पहले चमकेंगे घाटनमामि गंगे योजना के तहत शहर दस घाटों को पक्का किया जाएगा। इनके सौंदर्यीकरण और आठ घाटों पर शवदाह गृह बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 81 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यह काम वर्ष 2018 में होने वाले अर्द्धकुंभ मेले से पहले पूरे कर लिए जाएंगे। इसके अलावा गंगा में डाल्फिन और कछुआ संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने पांच करोड़ 80 लाख रुपए की लागत की योजना को हरी झंडी दे दी है। इस योजना में गंगा का सर्वे किया जाएगा और नदी के पानी को साफ-सुथरा कर इनमें मत्स्य पालन को प्रोत्साहन दिया जाएगा। बता दें कि नमामि गंगे के अंतर्गत 105 एमएलडी क्षमता के चार एसटीपी क्रियाशील हैं।
83 एमएलडी पानी शोधित करेंगे नए एसटीपी वर्तमान में शहर में जनित कुल 270 एमएलडी सीवेज के लिए छह एसटीपी पर 254 एमएलडी की शोधन क्षमता उपलब्ध है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों ने बताया कि 14 एमएलडी क्षमता का एसटीपी निर्माणाधीन है। इसके अलावा 11, 18 और 40 एमएलडी के तीन एसटीपी प्रस्तावित हैं। वर्तमान में एनजीआरबीए के अंतर्गत सात योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।