-दोनों पक्षों की गवाही टली, राजेश खुद करेगा अपनी वकालत

-पेशी को देखते हुए कोर्ट परिसर मे कड़ी की गई सुरक्षा व्यवस्था

ALLAHABAD: चार साल पहले क्ख् जुलाई ख्0क्0 को प्रदेश के पूर्व कबीना मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ऊर्फ नंदी का जानलेवा के मामले में थर्सडे को घटना के आरोपियों से आमना-सामना हुआ। इस दौरान कोर्ट के बाहर कड़ी चौकसी रखी गई थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से स्टे हटने के बाद सत्र न्यायालय में कार्रवाई शुरू हो चुकी है। एडीजे द्वितीय महताब अहमद की अदालत में गवाही के लिए आए नंद गोपाल गुप्ता व उनके कट्टर विरोधी दिलीप मिश्रा का आमना सामना हुआ।

सुरक्षा घेरे में पहुंचे नंदी

विशेष सुरक्षा घेरे में आए नंदी के सामने हत्या व हमले में आरोपी बनाए गए एक दर्जन लोगों का आमना सामना हुआ। विधायक विजय मिश्र की ओर से हाजिरी माफी दी गयी जबकि आनंद शान्डियाल ऊर्फ राजेश पायलट ने कोर्ट में लिखित रूप से अपने केस की पैरवी खुद करने की अर्जी दी। आरोपी महेन्द्र मिश्र ने अपनी मर्जी का वकील न मिल पाने के कारण कोर्ट से समय मांगा है। अर्जी को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने नौ जुलाई की तिथि निश्चित कर की है। दो लोगों के अनुपस्थित होने तथा राजेश पायलट व महेन्द्र मिश्र के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करने के बाद गवाही के लिए नौ जुलाई की तिथि निश्चित होने पर नंदी को बिना बयान के ही लौटना पड़ा।

दिल दहला देने वाला था मंजर

सुबह के साढ़े दस बजे के आसपास का टाइम था। पूर्व मंत्री घर से मंदिर के लिए निकले थे। इसी दौरान उनके घर के समीप ही जोरदार ब्लास्ट हुआ था। इस घटना में बुरी तरह से जख्मी होने के चलते नंदी का करीब छह महीने तक इलाज चला। आतंकवादी स्टाइल में अंजाम दी गई यह इलाहाबाद की पहली घटना थी। इस घटना में दो लोगों की मौत हुई थी।

Posted By: Inextlive