- एनडीपीएस मामलों में गिरफ्तारी के दौरान वीडियोग्राफी और राजपत्रित अधिकारी द्वारा तलाशी की गाइडलाइन

- दून में रोज धरे जा रहे थे नशा तस्कर, गाइडलाइन जारी होने के बाद सिर्फ दो केस हुए दर्ज

- पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, अब क्यों नहीं हो रहे एनडीपीएस के मामले दर्ज

देहरादून, एनडीपीएस मामलों के लिए हाई कोर्ट की गाइडलाइन के बाद दून में नशा तस्करी के मामलों में नाटकीय तरीके से कमी आई है। कोर्ट के निर्देशों से पहले दून पुलिस रोजाना चरस, स्मैक तस्करों को गिरफ्तार कर रही थी, लेकिन ऐसे मामलों की वीडियोग्राफी कंपल्सरी किए जाने के बाद पुलिस के हाथ अब नशा तस्कर नहीं चढ़ रहे हैं। कोर्ट की सख्ती के बाद एनडीपीएस के मामलों में कमी पुलिस को कटघरे में खड़ा करती है।

तो क्या धरे जा रहे थे फर्जी तस्कर

दो माह पहले हाई कोर्ट ने उत्तराखण्ड पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे कि यदि कोई भी एनडीपीएस का आरोपी पकड़ा जाता है, तो उसकी तलाशी राजपत्रित अधिकारी ही करेगा और तलाशी के दौरान वीडियोग्राफी भी की जाएगी। इन निर्देशों के बाद एनडीपीएस के मामलों पर ब्रेक लग गया है। निर्देश जारी होने के बाद दून पुलिस ने केवल दो एनडीपीएस के मामले ही पकड़े। इससे पहले रोज एनडीपीएस के मामले दर्ज किए जा रहे थे, सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या पुलिस फर्जीवाड़ा कर रही थी।

सिर्फ दो मामले आए सामने

राजपत्रित अधिकारी द्वारा तलाशी और वीडियोग्राफी की गाइडलाइन जारी होने के बाद पुलिस एनडीपीएस के दो मामले ही पकड़ पाई है। पहला मामला क्लेमेंट टाउन थाने का है जिसमें 10 ग्राम स्मैक पकड़ी गई थी, दूसरा मामला डोईवाला का है, जिसमें 12 ग्राम स्मैक पकड़ी गई थी। दोनों मामलों की पुलिस ने वीडियोग्राफी करवाई।

यह कहता है कानून

क्रिमिनल मामलों के वकील संजीव शर्मा बताते हैं कि हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति एनडीपीएस में पकड़ा जाता है, तो उसकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए। ताकि, पुलिस फर्जी तरीके से किसी को आरोपी न बना सके। पिछले दिनों एसटीएफ के एक दरोगा पर फर्जी तरीके से एक व्यक्ति को आरोपी बनाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है।

अब आ‌र्म्स एक्ट में हो रहे मुकदमे

एनडीपीएस के मामलों में कमी आने के बाद अवैध हथियार के मामले ज्यादा दर्ज हो रहे हैं, करीब एक माह के भीतर दो दर्जन से अधिक मामले आ‌र्म्स एक्ट के तहत पुलिस ने दर्ज किए हैं।

नशा तस्करी का मुखबिर बनेगा सोशल मीडिया

एनडीपीएस के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अब पब्लिक का सहयोग मांगा है। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें लोग नशा तस्करी के इनपुट शेयर करेंगे ताकि पुलिस को नशा तस्करों के इनपुट मिल सकें। ग्रुप में स्टूडेंट्स व स्कूल प्रिंसिपल्स को जोड़ा जाएगा। वे एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस तक पहुंचने वाले नशा तस्करों की गुप्त सूचना पुलिस को व्हाट्सएप के जरिए पहुंचाएंगे और पुलिस तस्करों को दबोच लेगी।

----------------------

हाई कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा था। थाना डोईवाला व क्लेमेंट टाउन में पकड़े गए आरोपियों की वीडियोग्राफी की गई। बाकी ऐसे मामलों में कमी आने के कोई विशेष कारण नहीं हैं।

पंकज गैरोला, (एडीटीफ)एंटी ड्रग टास्क फोर्स (नोडल अधिकारी )

Posted By: Inextlive