अमेरिका का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बदले मिजाज ने आखिरकार रंग लाया. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी की इसी वर्ष सितंबर महीने में वाशिंगटन में मुलाकात होगी.


अमेरिका का सकारात्मक रूखदुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के न्यौते को कबूल कर लिया है. मोदी इस साल सितंबर के अंतिम सप्ताह में वाशिंगटन में ओबामा से मुलाकात करेंगे. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें फोन करके बधाई दी थी और वाशिंगटन आने का न्योता भी दिया था, ताकि दोनों देशों के रिश्ते को मजबूत किया जा सके और संबंधों में बेहतरी को लेके नये शिरे से प्रयास की जा सके. ध्यान देने योग्य है कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद अमेरिका ने 2005 में मोदी का वीजा रद्द कर दिया था और उनके अमेरिका में दाखिल होने पर पाबंदी लगी दी गई थी.


इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने अपने एक बयान में कहा था कि ओबामा प्रशासन भारत के नए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अमेरिका में स्वागत करने के लिए उत्सुक है. भारत के नए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए केरी ने यह संदेश अमेरिका में भारतीय राजदूत एस. जयशंकर को दिया था. जयशंकर ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा के लिए उप विदेश मंत्री विलियम ब‌र्न्स से भी मुलाकात की थी.अमेरिका की नई पहल

इस द्वीपक्षीय वार्ता में एक खास बात ये भी है कि ये मुलाकात न्यूयॉर्क में नहीं बल्कि वाशिंगटन में होगी. इसके लिए दोनों ओर से तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. दरअसल अमेरिका चाहता तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के अधिवेशन में भी मुलाकात कर सकता था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है और भारत के साथ रिश्तों में गंभीरता को लेकर अमेरिका ये मुलाकात वाशिंगटन में आयोजित कर रहा है. इससे पहले एनडीए सरकार के ही प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से अमेरिका ने वाशिंगटन में मुलाकात की थी. इस बात से भी इस द्वीपक्षीय वार्ता के महत्व को समझा जा सकता है. रूस का भी भारत प्रेम जगाअमेरिका के इस सकारात्मक कदम के बाद रूस के तरफ से भी नरेंद्र मोदी और एनडीए को हर संभव सकारात्मक कदम उठाने की बात कही गई है. रूस के राजदूत ने कहा है कि हम भारत के साथ द्विपक्षीय संवंधों की बेहतरी के लिए प्रयास करते रहेंगे.उन्होनें कहा कि हम भारत को एटोमिक सहायता देने की दिशा में प्रयास करेंगे. रूसी राजदूत का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari