प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर लाल किले में तीन संग्रहालयों का उद्घाटन किया हैं। आइए जानें इन संग्रहालयों के अंदर खास क्या है...

नई दिल्ली (आईएएनएस)। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती मनाई जा रही है। ऐसे में आज इस खास माैके पर गणतंत्र दिवस के तीन दिन पहले प्ररधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक बड़ी साैगात दी है। उन्होंने लाल किले के अंदर भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की गाथा को बयां करने वाले तीन नए संग्रहालयों का उद्घाटन किया है।
पहला संग्रहालय सुभाष चंद्र से जुड़ा
लाल किले के अंदर पहला संग्रहालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस और इंडियन नेशनल आर्मी(आईएनए) से जुड़ी चीजों पर आधारित है। यहां सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी खूबसूरत शिल्पकृतियां और उनके द्वारा इस्तेमाल की गई एक लकड़ी की कुर्सी, तलवार, पदक, वर्दी जैसी चीजें हैं। आईएनए के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई लाल किले में हुई थी

दूसरा संग्राहलय 'याद-ए-जलियां' हैं
यहां लाल किले में बना दूसरा संग्राहलय 'याद-ए-जलियां' है। यह भी इतिहास से जुड़ा बेहद खूबसूरत है। इस संग्रहालय में आने वाले इतिहास प्रेमी 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार से रूबरू होंगे। इसके बारे में बेहद करीब से जानेंगे।  'याद-ए-जलियां' विश्व युद्ध-1 में भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाई गई वीरता को भी बयां करेगा।
काफी डिजाइनर है तीसरा संग्रहालय
लाल किले के अंदर बना तीसरा संग्रहालय भी बेहद खास तरीके से डिजाइन किया गया है। यहां लोग 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष की ऐतिहासिक गाथा व भारतीयों द्वारा किए गए बलिदान को देख सकेंगे। यहां फोटो, पेंटिंग, अखबार की क्लिपिंग, प्राचीन रिकार्ड, ऑडियो, वीडियो क्लिप, एनिमेशन व मल्टीमीडिया आदि से अागंतुक जुड़ सकेंगे।

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Posted By: Shweta Mishra