प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अतीत में पूर्वी अफ्रीकी देश में हुए परेशानियों के बाद भारतीय मूल के समुदाय को घर उपलब्ध कराने के लिए युगांडा के लोगों और सरकार का धन्यवाद किया है।

कंपाला (आइएएनएस)। पांच दिवसीय अफ्रीकी देशों की यात्रा पर निकले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रवांडा के बाद युगांडा पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी ने अतीत में पूर्वी अफ्रीकी देश में हुए परेशानियों के बाद भारतीय मूल के समुदाय को घर उपलब्ध कराने के लिए युगांडा के लोगों और सरकार का धन्यवाद किया है। मंगलवार रात एक भारतीय समुदाय समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "अतीत में यहां बहुत परेशानी हुई थी लेकिन बावजूद इसके युगांडा सरकार और लोगों ने आपको जाने नहीं दिया।'
देश छोड़ने का दिया था आदेश
बता दें कि अगस्त 1972 में युगांडा के तत्कालीन राष्ट्रपति इदी अमीन ने एशियाई अल्पसंख्यक को अपने देश से बाहर निकलने का आदेश दिया था और उन्हें देश छोड़ने के लिए 90 दिनों का समय दिया था। उस समय दक्षिण एशियाई मूल के लगभग 80,000 व्यक्ति थे, जिनमें से अधिकांश गुजराती थे। भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में युगांडा के वर्तमान राष्ट्रपति युवेरी मुसेवनी भी मौजूद थे, उन्होंने भारतीय समुदाय को 'मेरे भारतीय जनजाति के लोग' के रूप में संबोधित किया और युगांडा के विकास में उनके योगदान की सराहना भी की।

अफ्रीका के लिए 3 billion dollars से अधिक के lines of credit के projects को मंजूरी दी गई है।
India Africa Forum Summit के अंतर्गत हमारा 10 billion dollars का commitment है।
600 million dollars की अनुदान सहायता और 50,000 छात्रों के लिए scholarships के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं: PM

— PMO India (@PMOIndia) July 24, 2018

युगांडा में भारतीय मूल के 30,000 लोग
मुसेवनी ने कहा, 'मेरे कई भारतीय जनजाति से जुड़े लोगों ने 1972 में युगांडा छोड़ा दिया था। आज युगांडा में भारतीय मूल के लगभग 30,000 लोग हैं।' इसके बाद उन्होंने अपने देश में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय लोगों ने इस देश में आर्थिक और व्यावसायिक परिदृश्य में अपनी अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे के दौरान यह भी कहा कि 'मेक इन इंडिया' आज भारत की एक पहचान बन गया है। भारत में निर्मित कार और स्मार्ट फोन समेत कई चीजें आज उन देशों को बेची जा रही हैं, जिनसे पहले हम ये सामान आयात करते थे। मोदी ने कहा कि बहुत जल्द युगांडा में जब स्मार्टफोन खरीदने जाएंगे तो आपको मेड इन इंडिया का लेवल दिखाई देगा।

200 मिलियन डॉलर की पेशकश

बता दें कि इस दौरे के दौरान मोदी और मुसेवनी के बीच चार एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इसमें रक्षा सहयोग और कृषि क्षेत्र भी शामिल हैं। इसके बाद भारत ने युगांडा को 200 मिलियन डॉलर (1300 करोड़ रुपए) कर्ज के रूप में देने की पेशकश की है। मोदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भविष्य में भारत हमेशा युगांडा के साथ रहेगा। युगांडा की विकास कार्यों में भारत हमेशा अपना योगदान देगा। बता दें कि युगांडा में आज ही मोदी वहां के संसद को संबोधित करेंगे। इसके बाद मोदी अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव यानी कि दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होंगे, जहां वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सम्मलेन में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

 

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Posted By: Mukul Kumar