जानकारी है कि नासिक एवं त्रयंबकेश्‍वर के सिंहस्थ महाकुंभ का आज है पहला शाही स्नान। श्रावण पूर्णिमा के इस शुभ मुहूर्त में शनिवार तड़के करीब चार बजे से यहां शाही स्‍नान शुरू हो गया। वैसे शाही स्‍नान के शुरू होने का वक्‍त सुबह चार बजे से था लेकिन सुबह 3.30 बजे ही संतों ने त्रयंबकेश्वर में पहली डुबकी लगाई। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि नासिक व त्रयंबकेश्‍वर में 80 लाख से 1 करोड़ श्रद्धालु स्‍नान करने मौके पर पहुंचेंगे। इस भीड़ को ध्‍यान में रखते हुए प्रशासन ने इसको लेकर सुरक्षा की सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बताते चलें कि नासिक एकमात्र स्थान है जहां शैव एवं वैष्णव संन्यासी अलग-अलग स्थान पर गोदावरी के तट पर स्नान करने उतरते हैं।

ऐसे हो गई शुरुआत तड़के
शाही स्नान सबसे पहले त्रयंबकेश्वर में तड़के 4.15 बजे से कुशावर्त कुंड में शुरू हुआ। हर बार की परंपरा के अनुरूप पहले स्नान की शुरुआत त्रयंबकेश्वर में जूना अखाड़ा की ओर से की गई। जूना अखाड़ा के बाद निर्वाणी अखाड़ा रामकुंड में स्नान करने के लिए उतरा। स्नान के इच्छुक लोगों के लिए बता दें कि 13 सितंबर को यहां दूसरा शाही स्नान होगा। उसके बाद तीसरा और अंतिम शाही स्नान 18 सितंबर को आयोजित किया जाएगा।
25 सितंबर तक चलेगा मेला
बताया गया है कि हर बारह साल में लगने वाला ये नासिक कुंभ इस बार भी 25 सितंबर तक यथावत चलेगा। सुबह के आठ बजे तक 7 शैव अखाड़ों ने त्र्यंबकेश्वर में शाही स्नान कर लिया था। याद दिला दें कि वैष्णव संन्यासियों के तीन अखाड़ों के नासिक के गोदावरी स्थित रामकुंड में शाही स्नान करने की बात हुई थी। इनके अलावा लाखों की संख्या में आम श्रद्धालु भी श्रावण पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में कुंभ स्नान का आनंद उठाएंगे।
प्रशासन ने लिया है पिछली घटनाओं से सबक
गौरतलब है कि 12 वर्ष पहले अंतिम शाही स्नान के दौरान मची भगदड़ में 39 श्रद्धालु मारे गए थे। उस दुर्घटना से सबक लेकर प्रशासन भी इस बार पूरी तरह से फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। न सिर्फ प्रमुख घाट रामकुंड की लंबाई बढ़ा दी गई है, बल्कि कई नए घाटों का निर्माण भी किया गया है। उधर, दूसरी तरफ भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए शुक्रवार शाम से ही नासिक में प्रवेश करने वाले वाहनों पर रोक लगा दी गई है। रिंग रोड पर बाहर के वाहनों को रोककर वहां से सरकारी गाड़ियों से श्रद्धालुओं को घाट के निकट तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की है पूरी व्यवस्था
गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के नजदीक ही कुंभ का आयोजन होने के कारण इस पवित्र नदी में हमेशा पानी का अभाव रहता है। इस वर्ष महाराष्ट्र के बड़े भाग को सूखे से भी गुजरना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में शाही स्नानों के दिन नासिक के पास ही स्थित गंगापुर बांध से गोदावरी में पानी छोड़ा जाता है, ताकि स्नान के लिए नदी में स्वच्छ जल उपलब्ध रहे।

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Posted By: Ruchi D Sharma