'उसने कहा था' में जीवंत हुआ बचपन का प्रेम
- एनसीजेडसीसी में उसने कहा था नाटक का हुआ शानदार मंचन
- कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को रिझाया ALLAHABAD: प्रेम व दोस्ती के प्रति समर्पण का भावनात्मक चित्रण बुधवार को एनसीजेडसीसी में मंचित किए गए नाटक 'उसने कहा था' में दिखाई दिया। कहानीकार ने बेहद ही खूबसूरत ढंग से बचपन की दोस्ती व प्रेम को भावपूर्णढंग से प्रदर्शित किया। सांस्कृतिक संस्था अर्थव के कलाकारों ने बेहद ही प्रभावशाली ढंग से मंच पर प्रदर्शित किया। जिसे दर्शकों ने भी खूब सराहा। कलाकारों के अभिनय क्षमता की जमकर तारीफ की। कहानी का लेखन चन्द्रधर शर्मा गुलेरी ने किया। तेरी कुड़माई हो गईनाटक की कहानी का मुख्य पात्र लहना सिंह पंजाब प्रांत के अमृतसर शहर में अपने मामा के यहां रहने आता है। यहां उसकी मुलाकात एक लड़की से होती है। लहना लड़की से पूछता है कि तेरी कुड़माई हो गई, जिस पर लड़की धत् कहकर चली जाती है। लहना और वो लड़की बाजार में अक्सर मिलते है। कुछ दिन बाद जब फिर से लहना उस लड़की से यही प्रश्न पूछता है, तो लड़की हा में जवाब देती है। यह सुनते ही लहना सुध बुध खो देता है।
बेल्जियम में हुई मुलाकातलहना बड़ा होकर आर्मी में सिख रेजीमेंट में भर्ती हो जाता है। तभी प्रथम विश्व युद्ध के लिए सिख रेजीमेंट को बेल्जियम भेजा जाता है। जब लहना अपनी पलटन में शामिल होने के लिए रेजीमेंट के सूबेदार के घर होता हुआ जाता है। जहां सूबेदार उसे बताता है कि उसकी पत्नी लहना को जानती है। सूबेदार की पत्नी जब लहना से मिलती है, तो पूछती है कि मुझे पहचाना, तेरी कुड़माई हो गई। तो लहना अपने बचपन की यादों में खो जाता है। कहानी को बेहद कसे अंदाज में प्रदर्शित किया गया। नाटक का निर्देशन पंकज गौड़ ने किया। जिसे दर्शको ने खूब सराहा।