एमएचआरडी के पोर्टल पर 70 भाषाओं में ई लर्निग मैटेरियल

नेशनल मिशन ऑन एजुकेशन थ्रो इन्फार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी के तहत शुरू किया एनडीएल

आईआईटी खड़गपुर को सौंपा गया है जिम्मा

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अभी तक जिन्हें पढ़ाई या रिसर्च के लिए किताबों पर ही निर्भर रहना पढ़ता था या गूगल को घंटों खंगालना पड़ता था। उन्हें अब सबकुछ ऑनलाइन वेब पोर्टल पर ही देखने और पढ़ने को मिल जाएगा। छात्रों को यह सुविधा मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एमएचआरडी) की ओर से मुहैया करवाई गयी है। मिनिस्ट्री ने आईआईटी खड़गपुर को इसकी कमान सौंपी है।

बनाई नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी

गौरतलब है कि देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानो में पढ़ने या रिसर्च के लिए आने वाले छात्रों के लिए बड़ी मुश्किल यह है कि अगर वे कुछ अलग से करना चाहें तो इसके लिए एजुकेशन मैटेरियल कहां से जुटाएं? ऐसे में एमएचआरडी ने नेशनल मिशन ऑन एजुकेशन थ्रो इनफार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी (एनएमईआईसीटी) के तहत एक वेब पोर्टल की शुरुआत की है। जिसका नाम नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) है। इसके जरिए देशभर के शिक्षण संस्थानो में अवलेबल डिजिटलाइज्ड मैटेरियल्स का लिंक संबंधित पोर्टल पर डाला जा रहा है। जिससे देश के किसी भी कोने में बैठा छात्र संबंधित पोर्टल पर जाकर अपने मतलब का डाटा शेयर कर सकता है।

एक लाख लेखकों की किताबें

एनडीएल पोर्टल का नाम https://ndl.iitkgp.ac.in है। इसे एक्टिव मोड में संचालित करने का जिम्मा देश की टॉप आईआईटी में एक खड़गपुर को दिया गया है। यूजीसी के सचिव की ओर से देशभर के कुलपतियों के नाम जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक यह सूचना पहुंचाएं। जिससे वे पोर्टल का लाभ उठा सकें। यह पोर्टल कितना महत्वपूर्ण है। यह बात केवल इसी से समझी जा सकती है कि इसमें एक लाख लेखकों से जुड़े तेरह लाख से ज्यादा मैटेरियल मौजूद हैं। इसमें 40 से ज्यादा अलग अलग प्रकार के लर्निग रिसोर्सेस मौजूद हैं। इसके लिए पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के लर्निग आईटम भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की अनुशंसा

खास बात यह है कि इन सभी को 70 अलग अलग भाषाओं में पढ़ा और देखा जा सकता है। इस बावत इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सेंट्रल लाइब्रेरियन डॉ। बीके सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालयों को नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी सर्वर से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट ने यह प्लानिंग राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की अनुशंसा पर की है। इविवि में भी इस सर्वर पर अधिकाधिक कंटेंट मुहैया करवाने के लिए एक नोडल ऑफिसर को नियुक्त करने की डिमांड की गई है। डॉ। बीके सिंह ने बताया कि पोर्टल में यूजी, पीजी, रिसर्च के अलावा रेप्युटेटेड नेशनल एंड इंटरनेशनल जर्नल्स मौजूद हैं। कहा कि यह उच्च शिक्षा के विकास के लिए सरकार का क्रांतिकारी कदम है।

Posted By: Inextlive