नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल उमा शंकर सिंह ने गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मसार किया है। उमा शंकर पर स्कूल की ही छात्राओं ने छेडख़ानी और अश्लील हरकतें करने के गंभीर आरोप लगाये हैं। खबर छात्राओं के परिवारीजनों तक पहुंची तो मंगलवार को कॉलेज पहुंचकर जमकर हंगामा काटा। हंगामा इतना बढ़ा कि आरोपी प्रिंसिपल अपने कार्यालय से निकलकर कॉलेज कैम्पस स्थित आवास में जाकर छिप गये। वहीं मामले में डीआईओएस ने जांच समिति का गठन कर दिया है।


शिक्षकों की राजनीति का शिकार बतायापुलिस ने किसी तरह प्रिंसिपल के आवास पर पहुंचकर मामला शांत कराया। इसके बाद अभिभावक अभिभावक की तहरीर पर हजरतगंज पुलिस ने धारा-354 ए और पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। उधर, प्रिंसिपल ने आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए खुद को स्कूल के शिक्षकों की राजनीति का शिकार बताया है। नेशनल इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल द्वारा छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में डीआईओएस ने जांच समिति का गठन कर दिया है। डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने जांच के लिए एसोसिएट डीआईओएस आंग्ल भाषा विमलेश कुमार और एसोसिएट डीआईओएस रीता सिंह की कमेटी बनाई है। दोनों से रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने को कहा गया है। साथ ही नेशनल इंटर कॉलेज में बने मूल्यांकन केंद्र की जिम्मेदारी भी उमा शंकर सिंह से वापस लेकर किसी और को देने को कहा है।यहां पढ़ें पूरा मामला
रिजल्ट लेने गई छात्रा से छेड़खानी


नेशनल कॉलेज में 11वीं की छात्रा सुमन (बदला नाम) ने बताया कि वह बीते सोमवार दोपहर एक बजे वार्षिक परीक्षा का अपना रिजल्ट लेने कॉलेज गई थीं। तभी प्रिंसिपल ने उसे अपने कार्यालय में बैठा लिया। पहले उसका हाथ पकड़ा और फिर अश्लील हरकत करने लगे। विरोध पर रिजल्ट रोकने का दवाब बनाने लगे, लेकिन वह हाथ छुड़ाकर कमरे से बाहर आ गई। इसी दौरान उसके  कुछ साथी प्रिंसिपल के रूम में पहुंचीं। प्रिंसिपल ने सभी छात्राओं को अपने कमरे में ही रोक लिया। जब छात्राओं ने जाने की बात कही तो प्रिंसिपल ने उनसे अभद्रता शुरू कर दी। जिसके बाद वह सभी वहां से भाग निकलीं। पीडि़त छात्रा के पिता ने बताया कि मंगलवार सुबह उसने आपबीती सुनाई तो वह पत्नी और बच्चों समेत कॉलेज पहुंच गये। पैरेंट्स के आने की सूचना पाकर आरोपी प्रिंसिपल अपने ऑफिस से भाग निकले।बहाने से बुलाते थे ऑफिस

पीडि़त छात्रा ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल अन्य छात्राओं को भी अपने कार्यालय में बुलाकर उनके साथ छेडख़ानी करते हैं और किसी न किसी बहाने उन्हें छूने की कोशिश करते हैं। विरोध करने पर फेल करने की धमकी देकर मामले को दबा देते थे। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। छात्रा का दावा है कि कॉलेज के शिक्षक और अन्य छात्राएं भी प्रिंसिपल की इन हरकतों के बारे में जानते हैं, लेकिन डर के चलते बोलने से कतराते हैं। छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि  प्रिंसिपल आए दिन मेरे घर पहुंच जाते थे, देर तक रुकते थे। इस दौरान वह खाने में लजीज व्यंजन परोसने और रात में रुकने की बात कहते थे। अपने हाथों से छात्राओं को खिलाते थे बिस्किट पीडि़त छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसिपल परीक्षा में फेल करने और कम नंबर देने संबंधित दबाव बनाकर छात्राओं की गलत जगह पर हाथ लगाते हैं। बिस्किट या कुछ और वह जबरन अपने हाथों से लड़कियों को खाने को मजबूर करते हैं। विरोध करने पर धमकाते हैं कि किसी ने भी उनके खिलाफ  आवाज उठाई तो कॉलेज से बाहर निकलवा देंगे। कहता था 'यही जिंदगी है'कॉलेज के दूसरी कक्षाओं की छात्राओं का भी आरोप है कि क्लास खत्म होने के बाद प्रिंसिपल छात्राओं को किसी न किसी बहाने कार्यालय में बुला लेते थे। रोमेंटिंक सॉग बजाकर कहते हैं 'यही जिंदगी है'। यही नहीं आरोप है कि छात्राओं का नंबर लेकर जनाब उनके घर तक पहुंच जाते थे।छात्राओं पर बुरी नजर
प्रिंसिपल की गंदी नियत की बात पूरे कॉलेज में आम है। नाम न छापने की शर्त पर महिला अध्यापकों ने बताया कि प्रिंसिपल साहब का रवैया महिलाओं के प्रति अजीबोगरीब है फिर चाहे महिला अधेड़ उम्र की अध्यापिका हो स्कूल में पढऩे वाली छात्रा, प्रिंसिपल हर किसी को गलत निगाहों से देखते हैं। कई बार तो प्रिंसिपल छात्राओं से फोन नंबर मांगकर पहले तो उनको फोन करते हैं और छात्रा को बहला-फुसलाकर उसके घर तक पहुंचाते हैं। कम होती गई छात्राओं की संख्या स्वर्गीय चन्द्र भानु गुप्ता की याद में बने नेशनल इंटर कॉलेज की स्थापना सन 1939 में हुई थी। हालांकि प्रिंसिपल उमाशंकर ने वर्ष 2010 में यहां को-एजूकेशन शुरू की थी। छात्राओं का आरोप है कि कक्षा छह से 12 तक की कक्षाओं में यहां पिछले साल तक 45 छात्राएं थीं, लेकिन प्रिंसिपल के आशिक मिजाजी की वजह से संख्या इस बार घटकर महज 27 रह गई है। यहां तकरीबन 12 सौ छात्र पढ़ाई करते हैं।  मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मुझे स्कूल के दो शिक्षकों आरपी सिंह और सुनरी लाल राजनीति के तहत फंसा रहे हैं। पूरा स्कूल सीसीटीवी कैमरे की जद में है, मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। - उमा शंकर सिंह, प्रिंसिपल, नेशनल इंटर कॉलेज छात्राओं के साथ किसी भी हाल में अन्याय नहीं होने देंगे। आरोप सच साबित हुए तो शिक्षक संघ खुले तौर पर प्रिंसिपल के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई की मांग करेगा।- आरपी मिश्रा, प्रवक्ता, माध्यमिक शिक्षक संघ  
नेशनल इंटर कॉलेज की तीन छात्राओं ने स्कूल के प्रिंसिपल पर गलत व्यवहार और अश्लील बातें करने का आरोप लगाया है। छात्राओं के पिता की तहरीर पर आईपीसी की धारा 354 ए और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। दोषी पाए जाने पर आरोपी प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की जाएगी। - अभय कुमार मिश्र, सीओ हजरतगंज  पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच रिपोर्ट तक प्रिंसिपल का कार्यभार किसी और सौंपा जाएगा।- डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस

Posted By: Shweta Mishra