'न्यायिक दस्तावेजों की स्कैनिंग व डिजिटाइजेशन' पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में नेशनल सेमीनार

सुप्रीम कोर्ट ई-कमेटी के चेयरमैन एवं वरिष्ठ जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि न्याय प्रणाली को तकनीक से जोड़कर हम वादकारी को अधिकतम सूचना मुहैया कराने की दिशा में बढ़ रहे हैं। कोर्ट एवं जेलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए न्यायिक कार्यवाही कर आने वाले खर्च में कटौती की जा रही है। जस्टिस लोकुर ने उत्तर प्रदेश में मुकदमो का डाटा नियमित रूप से डिजिटाइज्ड करने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस व्यवस्था से वकीलों व वादकारियों को भारी सहूलियतें मिलने वाली हैं।

देश भर से जुटे न्यायाधीश

जस्टिस लोकुर ने ये बातें इलाहाबाद हाईकोर्ट के सूचना तकनीकी केंद्र में शनिवार को आयोजित 'स्कैनिंग एंड डिजिटाइजेशन ऑफ ज्यूडिशियल रिका‌र्ड्स' विषयक सेमिनार में व्यक्त किए। उन्होंने इसके पहले दीप प्रज्ज्वलित करके राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ किया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहब भोसले ने देश भर से आए न्यायाधीशों एवं तकनीक के जानकारों का स्वागत करते हुए कहा कि ई-कमेटी के अध्यक्ष के प्रयासों से ई-कोर्ट के जरिए न्याय व्यवस्था को गति मिली है, फाइलों का तेजी से डिजिटाइजेशन किया जा रहा है, कोर्टो का कंप्यूटरीकरण हो रहा है। कोर्ट व जेलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से जोड़कर आपराधिक मुकदमों की सुनवाई में गतिरोधों को दूर करने में हम सफल हुए हैं। नई तकनीक के न्याय व्यवस्था में इस्तेमाल से भारी परिवर्तन आया है।

हर साल एक करोड़ फाइलों का डिजिटाइजेशन

अध्यक्षता कर रहे डिजिटाइजेशन कमेटी के चेयरमैन जस्टिस दिलीप गुप्ता ने डिजिटाइजेशन केंद्र की स्थापना की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के इस प्रोजेक्ट के जरिए प्रतिवर्ष एक करोड़ फाइलों का डिजिटाइजेशन किया जाना है। 50 करोड़ पृष्ठों को स्कैन कर उनका डाटा सुरक्षित किया जाना है। सेंटर को प्रतिदिन 35 हजार मुकदमो की फाइलें मिल रही हैं। हम इस कठिन कार्य को मूर्तरूप देने में जुटे हैं। डाक्युमेंट ट्रैकिंग सिस्टम एंड डाक्युमेंट मैनेजमेंट सोल्यूशन के जरिए डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। न्यायमूर्ति गुप्ता ने इस कार्य में राज्य सरकार के सहयोग की सराहना की।

ई गवर्नेस देने में पूरा सहयोग

प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंहल ने न्यायपालिका को ई-गवर्नेस देने में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने का निर्णय बीते अप्रैल में दिल्ली में हुए मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में लिया गया था। इसके तहत देश के 24 हाईकोर्टो के न्यायाधीश एवं तकनीकी जानकारों ने सेमिनार में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मेघालय के मुख्य न्यायाधीश दिनेश महेश्वरी विभिन्न हाईकोर्टो के कंप्यूटराइजेशन कमेटी के अध्यक्ष, सदस्य एवं तकनीकी लोगों के साथ शिरकत की। यहां हाईकोर्ट के भी न्यायाधीश मौजूद थे।

Posted By: Inextlive