29 अगस्त को नेशनल स्पोर्ट्स डे के मौके पर राष्ट्रपति ने भारतीय खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार से सम्मानित किया। इस बार देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड भारतीय महिला पैरा एथलीट दीपा मलिक और रेसलर बजरंग पूनिया को मिला।


कानपुर। ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 अगस्त को भारत में हर साल नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों का भी वितरण होता है। इस बार देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार 'राजीव गांधी खेल रत्न' पैरा एथलीट दीपा मलिक को दिया गया। दीपा यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला पैरा एथलीट हैं। बता दें दीपा के अलावा रेसलर बजरंग पूनिया का नाम भी खेल रत्न के लिए चुना गया था मगर बजरंग देश से बाहर होने के चलते अवार्ड समारोह में हिस्सा नहीं ले पाए। आइए जानें कितने तरह के होते हैं खेल पुरस्कार19 खिलाड़ियों को मिला अर्जुन पुरस्कार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खेल दिवस (National Sports Awards 2019) के मौके पर कई खिलाडि़यों और कोच को सम्मानित किया। इस बार दो लोगों को राजीव गांधी खेल रत्न और 19 लोगों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं 3 कोच को द्रोणाचार्य अवॉर्ड(Dronacharya Award)  की रेगुलर कैटगरी के  लिए सम्मानित किया गया। द्रोणाचार्य अवार्ड ( लाइफ टाइम कैटगरी ) से चार लोगों को सम्मानित किया गया। ध्यानचंद अवॉर्ड से पांच लोगों को सम्मानित किया गया। भारत में खेल के कितने होते हैं अवार्डराजीव गांधी खेल रत्न


खेल मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार होता है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर इस पुरस्कार का नाम रखा गया है। हर साल भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को यह दिया जाता है, हालांकि अवार्ड पाने वाले खिलाड़ी का चयन कई मापदंडो के आधार पर होता है। यह पुरस्कार जीतने वाला खिलाड़ी किसी भी फील्ड का हो सकता है।अर्जुन पुरस्कारराजीव गांधी खेल रत्न के बाद दूसरा सबसे बड़ा अवार्ड अर्जुन पुरस्कार होता है। यह भी खिलाड़ियों की पिछली चार साल की परफॉर्मेंस के आधार पर दिया जाता है। अर्जुन पुरस्कार की शुरुआत 1961 में हुई थी। अब तक 719 खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इसमें खिलाड़ी को लघु प्रतिमा, प्रमाण पत्र और पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलता है।द्रोणाचार्य पुरस्कार

जैसा कि नाम से पता चलता है यह पुरस्कार खिलाड़ी नहीं बल्कि उनके कोच को दिया जाता है। वो खेल प्रशिक्षक जो मेडल विजेताओं को तैयार करते हैं उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 1985 में हुई थी। अब तक कुल 107 गुरुओं को यह अवार्ड मिल चुका है। इसमें कोच को लघु प्रतिमा, प्रमाण पत्र और पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलता है।National Sports Day 2019 : किसे मिला था पहला राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड, पुरस्कार में मिलते हैं लाखों रुपयेध्यान चंद पुरस्कारजिन लोगों ने खेल के विकास के लिए पूरी जिंदगी सहयोग किया उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 2002 में हुई थी। अब तक कुल 56 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है। इसमें भी लघु प्रतिमा, प्रमाण पत्र और पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलता है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari