'राम राज्य' में भारत बनेगा 'हिन्दू राष्ट्र'!
हिंदुत्व के अंदर समाहित हो सकते अन्य धर्म
मोहन भागवत सोमवार को मुंबई में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की स्थापना की स्वर्ण जयंती मनाने के लिये आयोजित समारोह में बोल रहे थे. गौरतलब है कि विहिप की स्थापना 29 अगस्त 1964 को की गई थी. कार्यक्रम में बोलते हुये भाबवत ने कहा,'हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और हिंदुत्व देशवासियों की सांस्कृतिक पहचान है. हिंदुत्व का दायरा इतना बड़ा है कि वह अन्य धर्मों को भी अपने में समाहित करने की क्षमता रखता है.'RSS प्रमुख ने कहा कि आने वाले सालों में संगठन का मुख्य उद्देश्य जाति पाति के भेदभाव को भुलाकर सभी हिंदुओं के बीच समानता का भाव पैदा करना होगा. अगले 5 सालों तक संगठन इसके लिये पूरी ताकत के साथ करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जायेगा सभी हिंदू एक जगह पानी पियें, एक स्थान पर पूजा अर्चना करें और किसी का निधन हो जाने पर उसका अंतिम संस्कार भी एक ही स्थान पर किया जाये.
फिर दोहराया हिंदू राग
संघ प्रमुख ने इस मौके पर एक समाचार पत्र में छपी खबर का हवाला देते हुये कहा कि अगले दो दशक में देश में हिंदू समाज दुनिया में एक बड़ा ताकत बनकर उभरेगा. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते भी भागवत ने भारत को एक हिंदू राष्ट्र और इसमें बसने वाले सभी लोगों को हिन्दू कहा था जिसे लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया था. हालांकि इस विवाद की परवाह किये बगैर उन्होंने अपने इस विचार को फिर से दोहराते हुये कहा कि हिंदुत्व ही भारत की असली पहचान है. उनका कहना है कि हिंदुत्व एक विचार धारा है जो सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलने की उदार भावना रखती है.
अयोद्धया में बनेगा राम मंदिर
मोहन भागवत के साथ कार्यक्रम में मौजूद विहिप अध्यक्ष प्रवीण तोगडि़या ने राम मंदिर निर्माण के सवाल पर कहा कि अयोद्धया में भगवान राम का विशाल मंदिर हर हाल में बनाया जायेगा. यह विहिप का मुख्य एजेंडा है. इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ शांतिवार्ता के सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ ऐसी कोई भी बातचीत तब तक नहीं होनी चाहिये जब तक सीमापार से गोलीबारी करना और संघर्ष विराम का उल्लंघन बंद नहीं हो जाता.