दो दिन की भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में राष्‍ट्रवाद का मुद्दा छाया रहा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबसेधन में राश्‍ट्रवाद को ताकत बना कर आगे बढ़ने को कहा। उनका दूसरा मुद्दा विकास का था जिस पर ध्‍यान लगा कर उन्‍होंने भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं तक सबसे काम करने के लिए कहा।


राष्ट्रवाद है हमारी ताकत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राष्ट्रवाद हमारी ताकत है और उसी को लेकर वो और उनकी पार्टी आगे बढ़ेंगे। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से विपक्ष की ध्यान भटकाने की कोशिशों से सावधान रहने को भी कहा। दो दिन की भाजपा कार्यकारिणी बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि सुशासन और विकास के साथ-साथ नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और राष्ट्रवाद भी भाजपा की राजनीतिक और चुनावी लड़ाई का मूल मंत्र रहेगा। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के राजनीतिक प्रस्ताव में सबसे उपर नेतृत्व की ही चर्चा की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि लंबे अंतराल के बाद एक दृढ़ सरकार का गठन हुआ है जो राष्ट्रवादी सोच और विकासवादी नीतियों के साथ आगे बढ़ रही है। कार्यकारिणी में महामंत्री रामलाल ने जहां संगठन की पूरी यात्रा का विवरण दिया वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत अन्य तीन मंत्रियों ने प्रजेंटेशन पेश कर बताया कि सरकार की दिशा क्या है।हर कोई था राष्ट्रवाद को लेकर आक्रमक

दो दिन की कार्यकारिणी में आर्थिक प्रस्ताव का रूप इस बार बदला हुआ था। उसका नाम 'ग्राम उदय से भारत उदय' दिया गया था। जबकि राजनीतिक प्रस्ताव में राष्ट्रवाद, गरीबी उन्मूलन, राष्ट्रीय सुरक्षा, दलित उत्थान जैसे कई मुद्दों को छुआ गया। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भाजपा का रुख आक्रामक ही रहेगा इसका संकेत पार्टी अध्यक्ष से लेकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री तक हर किसी के भाषण मे दिखा। दलित राजनीति पर भी फोकस दूसरी ओर बैठक में सभी नेताओं के भाषणों में और प्रस्तावों में जिस तरह बाबा साहेब अंबेडकर का वर्णन किया गया और उनसे जुड़े दिवस को उत्सव के रूप मे मनाने का फैसला लिया गया उससे भी स्पष्ट है कि पार्टी अब दलित नेता मायावती को टक्कर देने की तैयारी कर चुकी है। प्रस्ताव में पिछले दो सालों के अल्प कार्यकाल में गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं पर केंद्रीय सरकार के नए प्रयासों की प्रशंसा की गई है। प्रस्ताव में कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा गया है कि विपक्ष 'गरीबी की राजनीति' करता है, वहीं भाजपा 'विकास की राजनीति' पर भरोसा करती है। गरीबों के मसीहा मोदी

दो दिन की कार्यकारिणी के बारे में बताते हुए जहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को लोकप्रिय और यशस्वी बताया वहीं सुबह राजनीतिक प्रस्ताव पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने मोदी को 'भारत को भगवान का वरदान और गरीबों का मसीहा' करार दिया। प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस की नीति 'गरीबों के लिए भाषण और अमीरों के लिए काम करने' की रही है। मोदी सरकार जहां देश को आगे ले जाने का काम कर रही है, वहीं विपक्ष दल पीछे खींचने में लगे हुए हैं। जीएसटी समेत कई अहम विधेयक को पास नहीं होने देना इसका उदाहरण है।

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Posted By: Molly Seth