कहते हैं ना कि गर्मियों के मौसम में ठंडी लस्सी से राहत और सुकून मिलता है और बारिश में गरमा गरम चाय के साथ पकोड़े मिल जाएं तभी मौसम का असली आनंद आता है वर्ना सब कुछ फीका फीका लगता है। नवरात्रि के दौरान माता के भक्तों का भी कुछ ऐसा ही हाल रहता है। आदि शक्ति की भक्ति और उनकी पूजा के इस पावन और पॉपुलर त्यौहार में तब तक आनंद नहीं आता जब तक लोग कुछ अच्छे अच्छे भजन न सुन लें और ये भजन इन पांच लोगों की आवाजों में हों तभी मिलेगा उसकी आनंद।

कौन हैं ये पांच लोग जिनकी आवाज सुने बिना नवरात्रि का त्योहार अधूरा सा लगता है। क्या आप कोई गेस कर सकते हैं। चलिए छोड़िए, हम बताते हैं।

लखबीर सिंह लक्खा
पहला नाम है लखबीर सिंह लक्खा का। बड़े शहरों से लेकर गांव, कस्बे तक नवरात्रि और दुर्गा पूजा के दौरान लक्खा की आवाज सुबह और शाम यह एहसास दिलाती रहती है कि भइया त्यौहार चल रहा है, ख्याल रखना कुछ ऐसा वैसा ना करना और थोड़ा पूजा-पाठ भी कर लेना। लक्खा का गाया गाना ‘प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी’ तमाम लोगों को जबानी याद होगा भले ही उन्हें गायक का नाम याद ना रहे।

 

 

 

अनुराधा पौडवाल
जबसे भारतीय लोगों ने टीवी और रेडियो पर भजन सुनना शुरू किया है, तब के लोग अनुराधा पौडवाल की मीठी आवाज में माता के भजन सुनते चले आ रहे हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिरों से लेकर गरबा पंडालों में भी अनुराधा पौडवाल की आवाज सुनने को मिल ही जाती है। अगर उनकी आवाज सुनाई ना दे तो कुछ कमी सी लगती है।

 

 

 

अनूप जलोटा
यूं तो अनूप जलोटा ने कई फिल्मी गानों से लेकर गजलें भी गायी हैं, लेकिन वो आमतौर पर भजन सम्राट ही कहलाते हैं। नवरात्रि का त्यौहार हो और भजन सम्राट की आवाज ना सुनाई दे भला ऐसा कैसे हो सकता है। अनूप जलोटा के भजनों में दुर्गा मां ही नहीं बल्कि बजरंगबली हनुमान, शिवजी और कृष्ण और राम भी शामिल हैं। घरों से लेकर मंदिरों तक अनूप जलोटा के भजन जमकर सुने जाते हैं।

 

 

नरेंद्र चंचल
नरेंद्र चंचल बेसिकली भजन सिंगर नहीं बल्कि पंजाबी भेटें गाने के लिए खासे प्रचलित रहे हैं, लेकिन बाद में उन्होंने माता रानी के एक से बढ़कर एक धुआंधार म्यूजिक वाले भजन गाए। इसके बाद माता की उन पर ऐसी कृपा बरसी कि देश के लगभग सभी देवी जागरण के दौरान नरेंद्र चंचल के भजन जरूर गाए और सुनाए जाते हैं। देवी जागरण में सालों तक गाने वाले नरेंद्र चंचल ने अपनी लाइफ पर एक किताब भी लिखी है जिसका नाम है मिडनाइट सिंगर यानी कि आधी रात का गायक। सच बात है देवी जागरण वालों को दिन में बहुत कम ही सुन पाते हैं लेकिन रात में उन्हें सुनने वालों का खूब जमघट लगता है।

 

 

फाल्गुनी पाठक
सालों पहले फाल्गुनी पाठक का गाया गाना ‘चूड़ी जो खनकी हाथों में’ आज भी नवरात्रि के दौरान गरबा पंडालों मैं जरूर बजता है। जैसे गुजराती गरबा आज पूरे देश में आयोजित होने लगा है वैसे ही फाल्गुनी पाठक के गरबा सॉन्ग भी हर डांडिया नाइट में फुल वॉल्यूम पर बजाए जाते हैं, इनके गानें ना बजे तो ऑडिएंस को डांडिया लड़ाने का भी मजा नहीं आता।

 

 

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Posted By: Chandramohan Mishra