Navratri Day 4 शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा होती है। आइए जानें कि किस तरह उनकी पूजा करने से वह प्रसन्‍न होती हैं। देवी के नौ रूपों में से यह उनका चौथा रूप है।


शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्माण्डा की आराधना होती है। माता कूष्माण्डा सिद्धिदात्री हैं। यह माना जाता है कि देवी कूष्माण्डा सूर्य को दिशा और ऊर्जा प्रदान करती हैं तथा उसके अंदर ही विराजमान हैं। देवी कूष्माण्डा के आठ हाथ हैं। माता ने चार दाएं हाथों में कमंडल, धनुष, बाण और कमल धारण किया हुआ है। माता ने बाएं चार हाथों में अमृत कलश, जप माला, गदा और चक्र धारण किया हुआ है।पूजा से मिलता है धन लाभ और प्रतिष्ठामां कूष्माण्डा की पूजा करने से ग्रहों के राजा सूर्य के दोषों से मुक्ति मिलती है। धन लाभ, आरोग्यता, शक्ति, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। कूष्मांडा के साधक को नेत्र, केश, मस्तिष्क, हृदय, मेरूदंड, सिर, उदर, रक्त, पित्त, अस्थि रोगों से मुक्ति मिलती है। लाल पुष्प व गुलाब का फूल अवश्य चढ़ाएं।


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शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा लाल रंग के पुष्प जैसे गुलाब से करें। कहा जाता है कि उन्हें लाल रंग का फूल अत्यंत प्रिय है, इसलिए भक्तों को पूजा में इस फूल को चढ़ाना चाहिए। मां कूष्माण्डा की सवारी बाघ है। चतुर्थी को विधिवत माता कूष्माण्डा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहते हैं माता में सूर्य के बराबर ऊर्जा और चमक है क्योंकि वो सूर्य पर रहती हैं।Navratri 2019 Day 2 : जानें किस तरह पूजा करने से मां ब्रह्मचारिणी होती हैं प्रसन्न

Posted By: Vandana Sharma