शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा होती है। आइए जानें कि किस तरह उनकी पूजा करने से वह प्रसन्‍न होती हैं। देवी के नौ रूपों में से यह उनका आठवां रूप है।


शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की आराधना की जाती है। देवी श्वेत वर्ण वाली हैं व उनका वाहन वृषभ है। चार हाथों वाली देवी अपने दाहिने हाथों में से एक में त्रिशूल धारण करती व दूसरा अभय मुद्रा में रहता है। उनके बाएं हाथों में से एक में डमरू व दूसरा वरद मुद्रा में रहता है। यह माना जाता है कि वह राहु ग्रह का संचालन करती हैं। दूर करती हैं भय, निराशा व चिंता  मां दुर्गा के आठवें रूप महागौरी की पूजा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं। विधिपूर्वक उनका स्मरण व पूजन करने से व्यापार, दांपत्य जीवन, सुख-समृद्धि, धन आदि में वृद्धि होती है। ऐसे लोग जो अभिनय, गायन, नृत्य आदि के क्षेत्र में हैं उन्हें देवी की पूजा से विशेष सफलता मिलती है। यह माना जाता है कि उनकी पूजा से त्वचा संबंधी रोगों का निवारण होता है।  


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शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी के पूजन में चमेली व केसर का फूल मां को चढ़ाएं। अपने श्वेत वर्ण के कारण उनकी तुलना शंख, चंद्रमा व कंद के श्वेत पुष्प से की जाती है। वह श्वेत वस्त्र धारण करती है इसलिए उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहते हैं। उनकी स्तुति 'या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥' कहकर की जाती है।Navratri Day 6: किस तरह करें मां कात्यायनी की पूजा, विधि और भोग

Posted By: Vandana Sharma