- इस बार आठ दिन का पर्व, आठ अप्रैल से हो रहा शुभारम्भ

ALLAHABAD: मां भगवती की आराधना का महापर्व शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस बार नवरात्रि आठ दिन की है। एक दिन की हानि है। नवरात्र को लेकर मंदिरों से लेकर घरों तक विशेष आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मान्यता के अनुसार नवरात्र के विशेष दिनों में देवी उपासना का विशेष विधान है। चैत्र नवरात्र के साथ ही हिंदू वर्ष की शुरुआत भी होती है, जिसके कारण इस महापर्व का विशेष महत्व रहता है। नवरात्र में मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना कर श्रद्धालु अपना जीवन सफल बनाते हैं।

पंचमी की हानि

वैसे तो नवरात्र महापर्व नौ दिनों का होता है, लेकिन इस बार नवरात्र पंचमी की हानि की वजह से आठ दिन की ही है। ज्योतिषाचार्य डॉ। सुशील पाण्डेय ने बताया कि नवरात्र में देवी पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह देवी दुर्गा की स्तुति, कलश स्थापना, व्रत, पूजा और नौ दिनों तक आस्था और विश्वास के साथ चलने वाला अद्भुत पर्व है। देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करने पर मनुष्य को देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस बार नवरात्र महापर्व 8 अप्रैल से शुरू होकर 15 अप्रैल तक है। 16 अप्रैल को व्रत का पारण किया जाएगा। कलश स्थापना उदया तिथि के अनुसार दिन भर में कभी भी हो सकता है। लेकिन प्रतिपदा दिन में 2 बजकर 26 मिनट तक ही रहेगा। ऐसे में कलश स्थापना के लिए उपयुक्त व शुभप्रद मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र दिन में 11 बजकर 35 मिनट से लेकर दिन में 12 बजकर 25 तक ही रहेगा। इस दौरान कलश स्थापना का सर्वोत्तम माना गया है।

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श्रीराम कथा का शुभारम्भ आठ अप्रैल से

श्री नवसम्वत्सर मानस समिति की ओर से प्रत्येक वर्ष नवरात्र के पहले दिन से श्री रामकथा व श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। मां कल्याणी देवी मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार पाठक ने बताया कि इस बार श्री राम कथा व श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत आठ अप्रैल से होगी। समिति की ओर से पिछले 42 सालों से कथा का आयोजन किया जा रहा है। नवरात्र के विशेष अवसर पर मां कल्याणी देवी मंदिर में विशेष श्रृंगार और अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मां कल्याणी देवी पुराणों में वर्णित 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर में नवरात्र के अवसर पर शतचंडी यज्ञ के साथ ही नित्य नूतन श्रृंगार झांकी का विशेष दर्शन भक्तों को प्राप्त होगा।

भक्त रखें ध्यान

- उदया तिथि पर दिन में कभी भी स्थापित कर सकते हैं कलश

- शुभप्रद मुहूर्त दिन में 11. 35 से लेकर दिन में 12. 25 तक

- प्रतिपदा दिन में 2 बजकर 26 मिनट तक ही रहेगा

- 8 से 15 अप्रैल तक व्रत

- 16 अप्रैल को पारण

Posted By: Inextlive