शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों तक साधक शक्‍त‍ि की पूजा करते व व्रत रखते हैं। देवी के नौ रूपों की आराधना का यह विशेष पर्व है। ज्‍योतिषाचार्य पंडित विजय त्रिपाठी से जानते हैं कि नवरात्रि व्रत के पारण कब कर सकते हैं।


जिन परिवारों में सात दिन व्रत रखा जाता है वहां अष्टमी को पूजन के बाद व्रत तोड़ा जाता है। वहीं जहां आठ दिनों के लिए व्रत रखा गया है वहां नवमी तिथि को हवन के बाद व्रत का पारण किया जाता है। कई परिवारों में नवरात्रि के पहले दिन व सप्तमी अथवा अष्टमी को दो दिन व्रत रखा जाता है। वह जिस दिन (महाअष्टमी अथवा महानवमी) भी नवरात्रि पूजन का समापन करते हैं उसी दिन व्रत का पारण होता है। महाअष्टमी या महानवमी को व्रत का पारण करने के लिए कोई विशेष मुहूर्त या समय निर्धारित नहीं है। जो लोग नवमी को हवन करते हैं वह हवन व नवमी तिथि की समाप्ति के बाद पारण कर सकते हैं।व्रत के पारण का समय  
ऐसे साधक जो नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा से लेकर नवमी तक व्रत रखते हैं वह दशमी तिथि को व्रत का पारण करते हैं। नवमी तिथि सूर्यास्त के पहले पूरी होने पर व्रत आठ दिन व सर्यास्त के बाद होने पर व्रत नौ दिन व नौ रातों के लिए होता है। इस बार दशमी को व्रत का पारण सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच किया जा सकता है। दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से लेकर 2 बजकर 52 मिनट तक समय भी पारण के लिए उपयुक्त है।

Posted By: Mukul Kumar