RANCHI : प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमिटी (टीपीसी) द्वारा जेपीसी के सात नक्सलियों को अगवा करने और फिर हिदायत देकर छोड़ने का मामला सामने आया है। हालांकि, अगवा नक्सलियों के हथियारों को उन्होंने अपने कब्जे में कर लिया। रांची जिले के बुढ़मू थाना एरिया की यह घटना है। टीपीसी ने जेपीसी को चेतावनी दी है कि वे इस इलाके में किसी तरह की वारदात को अंजाम नहीं दें, वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

लेवी वसूली का मामला

टीपीसी द्वारा जेपीसी के सात नक्सलियों के अपहरण किए जाने के मामले को लेवी वसूली से जोड़कर देखा जा रहा है। टीपीसी का कहना है कि उनके नाम पर जेपीसी के नक्सली इलाके में लेवी वसूलने व लोगों को परेशान करते हैं। ऐसे में वे जहां भी लेवी वसूली के लिए जाते हैं, उन्हें पहले ही लेवी दे दिए जाने की बात कह दी जाती है। इसी वजह से टीपीसी ने जेपीसी के सात नक्सलियों को पहले अपहरण किया और फिर लेवी नहीं वसूलने की चेतावनी देकर चतरा-हजारीबाग के बॉर्डर से रिलीज कर दिया। बुढ़मू पुलिस टीपीसी द्वारा जेपीसी के नक्सलियों को अगवा किए जाने के मामले की छानबीन कर रही है।

इन नक्सलियों को किया अगवा

जानकारी के अनुसार, टीपीसी के दस्ते ने जेपीसी के जिन नक्सलियों का अपहरण किया उनमें मनोज मुंडा, साधो गंझू, विजय साव, वीरेंद्र मुंडा, राजू महतो और कृष्णा महतो शामिल हैं। ये सभी रांची जिले के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय हैं।

लंबे समय से चल रही है वर्चस्व की जंग

30 अक्टूबर 2016

दो नक्सलियों मार दी थी गोली

हजारीबाग के कटकमदाग थाना एरिया के कुसुंभा गांव में जेपीसी ने नक्सली रुपेश यादव और डेगन तूरी की हत्या उस वक्त कर दी थी, जब वे जुआ खेल रहे थे। इस घटना के पीछे भी दो नक्सली संगठनों के बीच लड़ाई का मामला सामने आया था।

26 अक्टूबर 2016

मारा गया जेपीसी का कमांडर

चतरा जिला मुख्यालय से तकरीबन 55 किमी दूर बिरहू जंगल से पुलिस ने विवेक नाम के एक शख्स का शव बरामद किया था। छानबीन के दौरान पता चला कि वह जेपीसी का कमांडर था। वर्चस्व की लड़ाई में प्रतिद्वंदी नक्सली संगठन ने उसकी हत्या कर दी थी।

मुठभेड़ में मारा गया था जेपीसी सुप्रीमो कलजीत

हजारीबाग के कटकमसांडी थाना एरिया के शाहपुर में माओवादियों और जेपीसी के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में जेपीसी सुप्रीमो कलजीत समेत दो नक्सली मारे गए थे। 10 अगस्त 2014 की यह घटना थी। इसके अलावा 5 जनवरी 2012 को जेपीसी दस्ता ने जेएलटी के सुप्रीमो सूर्यदेव उफ करण उर्फ काना को बलबल नदी के पास मुठभेड़ में मार गिराया था। अप्रैल 2012 में हजारीबाग के केरेडारी थाना एरिया में जेपीसी ने टीपीसी का समर्थक होने का आरोप लगाकर किरण शर्मा की हत्या कर दी थी।

Posted By: Inextlive