नक्सलियों पर सख्ती और उनकी फंडिंग पर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नकेल कसने से आर्थिक संकट से जूझ रहे नक्सलवादी संगठनों ने रकम जुटाने के लिये ड्रग्स को अपना जरिया बनाया है।

लखनऊ (ब्यूरो)। दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख को पनाह देने के मामले में प्रकाश में आए बरेली के ड्रग्स कारोबारियों की जांच में जुटी यूपी एसटीएफ को यह जानकारी मिलने पर तमाम एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। पता चला है कि वे न सिर्फ बांग्लादेश व म्यांमार के बॉर्डर से ड्रग्स की खेप देश के भीतर तस्करी करवा रहे हैं बल्कि, इसे यूपी समेत देश के विभिन्न हिस्सों में कैरियर के जरिए सप्लाई कर रहे हैं। ड्रग्स तस्करों और नक्सलियों के इस नये 'गठबंधन' से निपटने के लिये एसटीएफ नई रणनीति पर विचार कर रही है।

टेरर फंडिंग पर रोक है वजह

सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार व उड़ीसा के कुछ हिस्सों में एक्टिव नक्सलवादियों की आमदनी पर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों व सुरक्षा एजेंसियों ने करीब-करीब पूरी तरह से रोक लगा दी है। अब नक्सलवादी न तो अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में व्यापारियों या ठेकेदारों से लेवी वसूल पा रहे और न ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से ही उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है। लिहाजा, सुरक्षा एजेंसियों से उन्हें दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि नक्सलियों को हथियार व गोला बारूद जुटाने में भी लाले पड़ गए थे। लिहाजा, रकम जुटाने के लिये नक्सलियों ने ड्रग्स तस्करी के धंधे में कदम रख दिया है।

पश्चिमी यूपी बना हब

- सूत्रों ने बताया कि जांच में पता चला है कि नक्सलवादियों ने मालदा में मौजूद ड्रग्स तस्करों के जरिये बांग्लादेश के तस्करों से संबंध बनाए हैं।

- मालदा के तस्कर बांग्लादेश से आने वाली खेप को झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ तक पहुंचाते हैं।

- जहां से कैरियर के जरिए इसकी सप्लाई पश्चिमी यूपी के बरेली, रामपुर व मुजफ्फरनगर तक की जाती है।

- पश्चिमी यूपी को नक्सली हब की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जहां से इसे उत्तर भारत के तमाम राज्यों में भेजा जाता है।

- इसके अलावा मणिपुर व मिजोरम के रास्ते म्यांमार से आने वाली ड्रग्स भी नक्सलियों के जरिए पश्चिमी यूपी में पहुंचती है।

तस्करों के जरिए नक्सलियों पर नकेल

नशीले पदार्थों के इस बड़े नेक्सस ने एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। तस्करों की पड़ताल से हुए खुलासे से एसटीएफ को बड़ी सफलता की उम्मीद जगी है। बताया जा रहा है कि एसटीएफ अब इन तस्करों के जरिए खूंखार नक्सलियों तक पहुंचने की कवायद में जुट गई है। इससे नशीले पदार्थों के इस गोरखधंधे के साथ ही नक्सलियों की कमर तोडऩे का भी प्लान है। जिसमें केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस की भी मदद भी ली जा रही है।

जल्द इस नेटवर्क को ध्वस्त करेंगे

झारखंड, ओडिशा समेत नक्सल प्रभावित तमाम क्षेत्रों से कैरियर के जरिये बरेली समेत पश्चिमी यूपी में अफीम व अन्य नशीले पदार्थों की सप्लाई की पुख्ता जानकारी लगी है। इस संंबंध में हम इन राज्यों की पुलिस के संपर्क में हैं। जल्द इस नेटवर्क को ध्वस्त करेंगे।

- विशाल विक्रम सिंह, प्रभारी एसएसपी, यूपी एसटीएफ

lucknow@inext.co.in Posted By: Shweta Mishra