दिल्ली के क़ानून मंत्री सोमनाथ भारती दिल्ली महिला आयोग के सामने पेश नहीं हुए. उन्होंने अपना वकील वहाँ भेज दिया जिसकी बात सुनने से महिला आयोग की प्रमुख ने इनकार कर दिया.


दिल्ली में गत दिनों युगांडा की कुछ महिलाओं के साथ कथित  अभद्र व्यवहार के मामले में दिल्ली महिला आयोग ने भारती को समन जारी किया था.आयोग की प्रमुख बरखा सिंह ने वकील की बात सुनने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि भारती को ख़ुद आयोग के सामने पेश होना चाहिए था.वकील की ओर से कहा गया कि 'भारती कुछ कारणों के चलते आयोग के सामने  पेश होने में असमर्थ हैं'.आयोग की सदस्यों और भारती के वकील के बीच इस मुद्दे पर हुई बहस की तस्वीरें मीडिया में काफ़ी प्रमुखता से दिखाई गईं.इसके बाद बरखा सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "पाँच शिकायतकर्ताओं में से दो आई थीं जबकि सोमनाथ भारती नहीं आए. इस आधार पर हमने अपना फ़ैसला लिख लिया है और रख लिया है."


सिंह ने बताया, "दिल्ली महिला आयोग में वकीलों का इस तरह आना स्वीकार्य नहीं है. उनके वकील ने आकर मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है. हमने अपना फ़ैसला लिख लिया है और हम अब लेफ़्टिनेंट गवर्नर को इस पूरे प्रकरण के बारे में लिख रहे हैं."फ़ैसला"पाँच शिकायतकर्ताओं में से दो आई थीं जबकि सोमनाथ भारती नहीं आए. इस आधार पर हमने अपना फ़ैसला लिख लिया है और रख लिया है"

-बरखा सिंह, प्रमुख- दिल्ली महिला आयोग

दिल्ली महिला आयोग के अनुसार अब वह भारती को और समय नहीं देंगी और फ़ैसला जल्दी ही लेफ़्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग को भेज दिया जाएगा.आयोग के सामने पेश होने के लिए सोमनाथ को 24 जनवरी को तीन बजे तक का समय दिया गया था.आम आदमी पार्टी का कहना रहा है कि सोमनाथ भारती ने कुछ भी ग़लत नहीं किया है. आम आदमी पार्टी के मुताबिक़ सोमनाथ भारती पुलिस वालों से आम लोगों की कथित शिकायत के आधार पर कार्रवाई करने को कह रहे थे.आयोग की सदस्य सुधा टोकस ने इस मामले के बारे में बीबीसी को बताया था, "युगांडा की पांच महिलाओं ने आयोग को शुक्रवार को उत्पीड़न की लिखित शिक़ायत भेजी थी. उसमें उन्होंने कहा था कि इस मामले में वे सिर्फ़ एक ही व्यक्ति को पहचान सकती हैं जिन्हें उन्होंने टीवी पर देखा था."टोकस के मुताबिक़, "वे उस व्यक्ति का नाम 'सोम-सोम' बता रही थीं, वे ठीक से नाम भी नहीं ले पा रही थीं. उस वक्त टीवी चल रहा था और उन्होंने सोमनाथ भारती को पहचाना.''

Posted By: Subhesh Sharma