- एक ओर रेलवे चला रहा कैंपेन, दूसरी तरफ उड़ रही धज्जियां

- सिटी की 3 रेलवे क्रासिंग पर आई नेक्स्ट ने किया रियल्टी चेक

GORAKHPUR : 'भाई आप तो कुछ भी कर लो, हम नहीं सुधरने वाले.' ये किसी बिगड़ैल रईसजादे की हेकड़ी नहीं, गोरखपुराइट्स का टशन है। उनका ये टशन क्रासिंग पर कुछ ज्यादा ही नजर आता है। गोरखपुराइट्स किसी की नहीं सुनते, चाहे वो रेलवे हो या फिर खुद रेलवे मिनिस्टर। एनई रेलवे की ओर से चलाए जा रहे 'रेल समपार जागरूकता सप्ताह' के दौरान भी गोरखपुराइट्स अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे। जान हथेली पर लेकर और बाइक हाथ में पकड़ स्टाइल से बंद क्रासिंग क्रॉस करते हैं और विजयी मुस्कान के साथ गाड़ी स्टार्ट कर फर्राटा भर निकल जाते हैं। बंद क्रासिंग पर किसी भी तरह के अवेयरनेस कैंपेन का कोई असर नहीं दिखता। लोग आते हैं, बंद क्रासिंग के किनारे लगे पैंपलेट को नजरअंदाज कर पुराने ढर्रे पर चलते रहते हैं। आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में तो यही सामने आया कि सुधरना तो जैसे गोरखपुराइट्स की फितरत ही नहीं है।

रेलवे की कोशिश, पब्लिक का न्यूट्रल रिस्पांस

एनई रेलवे अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है कि मैंड और अनमैंड, दोनों प्रकार की क्रासिंग पर पब्लिक अपनी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए गेट खुलने पर ही क्रास करे। लेकिन पब्लिक है कि मानती ही नहीं। सिटी में पांच मैंड क्रासिंग है। इसके अलावा एनई रेलवे के कुल ख्फ्भ्म् समपार में क्क्ख्ख् अनमैंड व क्ख्फ्भ् मैंड क्रासिंग हैं। अनमैंड क्रासिंग को क्रॉस करने वाले लोगों को खुद अवेयर रहना होता है, इसके बावजूद लोग अपनी जान को जोखिम में डालने से बाज नहीं आते। जब आई नेक्स्ट ने 'रेल समपार जागरूकता सप्ताह' के दौरान चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का रियल्टी चेक किया तो पता चला कि रेलवे के लाख प्रयासों के बावजूद पब्लिकनहीं चेत रही है। सिटी के पांच मैंड क्रासिंग पर लोगों ने रेलवे एक्ट की खूब धज्जियां उड़ाई। हैरानी की बात तो यह रही कि रेलवे एक्ट की धज्जिया उड़ाने वाले लोगों पर जिम्मेदार आरपीएफ व कर्मचारी अपने जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ते हुए नजर आए।

ख् जून से चल रहा है जागरूकता अभियान

एनई रेलवे संरक्षा संगठन की तरफ से रेल समपार जागरूकता सप्ताह में एनई रेलवे की भारत स्काउट एवं गाइड के मेंबर्स की तरफ से पोस्टर, बैनर, संरक्षा डायरी, कैलेंडर और हैंडबिल दिया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि अनमैंड क्रासिंग पर पहले रूकिए, सुनिए, देखिए, फिर फाटक पार कीजिए। इसके अलावा फोर व्हीलर से सिटी के डिफरेंट एरियाज में पब्लिक को जागरूक किया जा रहा है, लेकिन रेलवे की तरफ से लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे हुए हैं।

प्लेस - कौवा बाग क्रासिंग

दोपहर का वक्त था। कौवाबाग क्रासिंग बंद थी। हर दिन की तरह तीन पहिया और चार पहिया वाहन छोड़ बाकी सभी अपने-अपने तरीके से समपार फाटक को क्रास कर रहे थे। किसी के चेहरे पर कोई खौफ नहीं। जो लोग बेखौफ होकर मैंड क्रासिंग को क्रास कर रहे थे, उन्हें वहां मौजूद आरपीएफ के जवान ने रोका तक नहीं। यार्ड से ट्रेन भी आ रही थी, उसके बाद भी किसी को नहीं रोका गया, शायद उसे किसी घटना का इंतजार हो।

प्लेस - छावनी स्टेशन

वैसे तो छावनी क्रासिंग घंटों बंद रहने वाली मैंड क्रासिंग है, लेकिन इस क्रासिंग पर फोर व्हीलर छोड़ कोई भी टू व्हीलर या फिर साइकिल सवार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। सभी को जल्दी थी, लेकिन इस क्रासिंग पर न तो इन्हें रोकने के लिए आरपीएफ का कोई जवान था और ना ही रेलवे का कोई कर्मचारी। खैर, कुछ बाइक सवार तो आई नेक्स्ट के कैमरे को देख चौंक गए और रुक कर क्रासिंग खुलने का इंतजार करने लगे।

प्लेस - नंदा नगर क्रासिंग

ये सिटी की सबसे ज्यादा बिजी रहने वाली मैंड क्रासिंग में से एक है। कसया की तरफ जाने वाला हर शख्स ऊपर वाले से यही गुजारिश करता है कि क्रासिंग खुली हो। अगर दूर से क्रासिंग खुली दिखी तो व्हीकल चलाने वालों की स्पीड बढ़ जाती है। इस चक्कर में कई बार गाडि़यां आपस में गुत्थमगुत्था हो जाती हैं। इस क्रासिंग का गेट इतना नीचे रखा गया है कि कोई टू व्हीलर वाला आसानी से बाइक न निकाल सके, इसके बावजूद लोगों ने साइड से ट्रैक क्रास करने का रास्ता निकाल लिया है।

पब्लिक को अवेयर करने के लिए रेलवे समपार जागरूकता सप्ताह चलाया जा रहा है। समपार फाटक क्रॉस करने वालों से अपील है कि वह पहले रूकें, दोनों तरफ देखें, उसके बाद समपार फाटक क्रॉस करें।

आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive