- गली मोहल्लों में गंदगी का रहता है ढेर, शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं

- वार्ड में आवारा पशु भी सबसे बड़ी मुसीबत, हैंडपंप बन गए हैं शोपीस

मेरठ। वार्ड 64 में शहर के पुराने मोहल्ले हैं। हालत यह है कि तंग गंिलयां और छोटे-छोटे रास्ते हैं। जिससे आम लोगों को परेशानी होती हैं। वहीं, पार्षद की माने तो वार्ड 64 में सफाई तो रोज होती है। बावजूद इसके वहां पर गंदगी रहती हैं। वहां पर कई कुएं भी है पर वह सालों पहले बंद हो चुके। लोग गंदगी से परेशान हैं। हैंडपंप पंप है वह खराब पड़े हुए हैं। आवारा पशु मोहल्लों में घूमते रहते हैं। कई बार आवारा पशुओं से लोग घायल भी हो चुके हैं। पुराना मोहल्ला होने के कारण वहां पर बिजली के तारों को अभी बदला नहीं गया है। जिससे खंभे पर बिजली के तारों का जाल सा बिछा है। आंधी तूफान आने पर वहां पर फॉल्ट हो जाते हैं और मोहल्लों में अंधेरा पसर जाता है।

ये है डिमांड

- सफाई दोनों समय होनी चाहिए।

- नालियों की सफाई नियमित होनी चाहिए।

- हैंडपंप की मरम्मत जल्द होनी चाहिए

- गली मोहल्लों की स्ट्रीट लाइट ठीक होनी चाहिए।

- मोहल्ले से डेयरियां हटनी चाहिए

वार्ड 64

पार्षद- गौरव प्रधान

जनसंख्या- 15,500

वोटर- 12,700

मोहल्ले- स्वामी पाड़ा, वेदवाड़ा, छीपीवाड़ा, नौगजा, बीरू कुआं, खत्रियों का चौक, बाबा खाकी, कानूनयान, जत्तीवाड़ा, फूटा कुआं, भाटवाड़ा, प्रहलाद वाटिका

प्रश्न- पांच साल में वार्ड में क्या विकास कार्य कराए हैं

उत्तर- बीते पांच साल में मैने करीब 15 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराएं है। जिसमें नाली, खड़ंजे, इंटरलॉकिंग टाइल्स लगवाई हैं। इसके अलावा हैंडपंप, स्ट्रीट लाइट, 35 महिलाओं को समाजवादी पेंशन भी दिलवाई है।

प्रश्न- वार्ड में गंदगी रहती है

उत्तर- वार्ड में नियमित रूप से सफाई होती है। समय- समय पर उसकी चेकिंग भी की जाती है। हां ये जरूर है कि शाम होते-होते फिर से कूड़ा हो जाता है। वार्ड में 64 कर्मचारी रोजाना सफाई करने के लिए आते हैं और कूड़े को उठाते हैं।

प्रश्न- नाले व नालियों की सफाई नियमित नहीं होती है

उत्तर- नाले व नाली की सफाई नियमित रूप से होती है। इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है। कुछ स्थानों पर नाले चोक हो जाने के कारण जलभराव की समस्या जरूर है। इस बाबत कई बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है।

नाला सफाई

मुख्य नाले की साफ-सफाई ही सबसे बड़ी समस्या है। सफाई ना होने से गंदगी का ढेर लग गया है। जिससे मच्छर भी पनप रहे हैं। नाला सफाई की तरह ही नालियों की सफाई भी नहीं होती है। पूरे वार्ड की नालियां गंदगी से अटी पड़ी रहती है। नालियों में पॉलीथिन, प्लास्टिक के ग्लास आदि पड़े रहते हैं।

आवारा पशु

वार्ड में आवारा पशु भी स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत से कम नहीं है। सड़कों पर घूमते आवारा पशु कभी कभी दुर्घटना के कारण बनते हैं। हालत यह है कि कई बार आवारा पशुओं के कारण स्थानीय लोग घायल हो चुके हैं।

गंदगी

वार्ड-64 में गंदगी का अंबार लगा रहता है। चाहे वह मुख्य सड़क और या फिर वहां की गलियां, किनारों पर कूड़े का ढेर जरूर मिल जाएंगे। बावजूद इसके, नगर निगम के अधिकारी सफाई की ओर ध्यान नहीं देते हैं।

खराब हैंडपंप

वार्ड- 64 में कई हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। वहीं, जो हैंडपंप चलते भी है उससे गंदा पानी निकलता है। गर्मियों के दिनों में पानी की समस्या हो जाती है। जिसके कारण लोगों को खासी परेशानी होती है।

बिजली के तार

वार्ड 64 में कई मोहल्ले में पुराने तार अभी बदले नहीं गए हैं। कहने को पीवीवीएनएल ने पुराने तारों के बदले एबीसी तार लगा दिए हैं। लेकिन शहर के पुराने मोहल्ले अभी भी वैसे हैं। खंभों पर तार का जाल सा बिछा हुआ है।

--------------------

वर्जन

यहां पर सफाई की सबसे बड़ी समस्या है। वार्ड में सफाई कर्मी नियमित नहीं आते हैं। अगर वार्ड में रोज सफाई हो तो नजारा कुछ अलग देखने को मिलेगा। कम से कम सफाई तो नियमित होनी चाहिए।

सतीश चंद शर्मा

वार्ड की हालत यह है कि यहां हैंडपंप खराब हैं। इस बाबत कई बार शिकायत की गई है। बावजूद इसके, सुनवाई नहीं होती है। कम से कम गर्मियों में तो हैंडपंप को ठीक करा देना चाहिए।

गौरव शर्मा

नाले व नालियों में गंदगी है। नगर निगम सफाई ही नहीं कराता है। कहने को पीएम और सीएम स्वच्छ भारत अभियान की बात कर रहे हैं। लेकिन, वार्ड की हालत काफी बदतर है। वार्ड में साफ-सफाई की ओर ध्यान देना चाहिए।

दीपक नामदेव

वार्ड में आवारा पशु भी मुसीबत बन गए है। सड़कों पर आवारा पशु घूमते हैं। जिससे वे कई बार बच्चों को नुकसान पहुंचाते हैं। नगर निगम को इस समस्या की ओर भी ध्यान देना चाहिए।

रूपेश

Posted By: Inextlive