NEET result 2019 : लखनऊ के ध्रुव और शेखर ने नीट में लहराया परचम
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LUCKNOW : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए ने देश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एडमिशन के लिए बुधवार को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट नीट-2019 के रिजल्ट जारी किए. इस बार भी नीट में राजधानी के मेधावियों ने अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरा है. धु्रव कुशवाहा ऑल ओवर इंडिया लेवल पर 8वीं रैंक लाकर लखनऊ के टॉपर बने हैं. वहीं टॉप 10 में भी जगह बनाई है. इसके अलावा टॉप 100 रैंक में राजधानी के कई मेधावी अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे. इनमें 45वीं रैंक पर प्रखर गुप्ता, 63वीं रैंक पर विनीत हर्ष, 88वीं रैंक पर जय तिवारी के नाम शामिल हैं. रिजल्ट आने के बाद गुरुवार को विभिन्न कोचिंग संस्थानों में मेधावियों ने डांस कर एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई.
पहली पसंद केजीएमसी
टॉपर्स की पहली पसंद किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली है. सफलता पाने वालों में कई ऐसे टॉपर्स भी शामिल हैं, जिन्हें दूसरे और तीसरे प्रयास में अच्छी रैंक मिली है.
धु्रव कुशवाहा 8वीं
शेखर गुप्ता 45वींविनीत हर्ष 63वींजय तिवारी 88वींसहर्ष शुक्ला 184वींइमरान खान 229वींआयुश वर्मा 399वींवैशाली सिंह 1459वींशाशांक प्रजापति 1478विशेष सचान 1517उस्मान जावेद 1919
आनंदित त्रिपाठी 1991टारगेट पहले था डिसाइड11वीं से ही नीट के लिए टारगेट डिसाइड कर उस पर फोकस करना शुरू कर दिया था. सुबह स्कूल फिर कोचिंग इसके बाद घर पर तीन घंटे रिवीजन. तैयारी के लिए मैंने एनसीईआरटी की किताबें पढ़ीं. मैंने सीएमएस कानपुर रोड से इसी साल 99.5 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास किया है.
- ध्रुव कुशवाहा, 8वीं रैंकफिजिक्स पर दिया ध्यान
फिजिक्स की तैयारी पर ज्यादा ध्यान दिया. रेगुलर स्कूल जाने के साथ कोचिंग और फिर घर आकर उसका रिवीजन किया. इससे पेपर में दिक्कत नहीं हुई और पहले प्रयास में सफलता मिल गई. केजीएमयू और मौलाना आजाद कॉलेज में से एक में एडमिशन लेना है. मेरे पापा शैलेंद्र गुप्ता बिजनेसमैन और मां सुधा गृहिणी हैं.
- प्रखर गुप्ता, 45वीं रैंक
अनसॉल्व्ड से मिली हेल्प
11वीं से ही तैयारी शुरू की थी. 10 साल के अनसॉल्ड पेपर की रेगुलर प्रैक्टिस की. पहले प्रयास में सफलता मिली. पापा डॉ. अजय तिवारी और मम्मी डॉ. विनीता तिवारी डॉक्टर हैं. मुझे न्यूरोलॉजिस्ट बनना है. केजीएमयू में एडमिशन पहली पसंद है.
- जय तिवारी, 88वीं रैंक
नीट में दूसरे प्रयास में सफलता मिली. पहले फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायो में तीनों की तैयारी में कमी रह गई थी. उसके बाद अपनी स्ट्रैटिजी चेंज की. एनसीईआरटी की बुक्स से तैयारी शुरू की. कमियों को दूर किया, जिससे सफलता मिली. मुझे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना है.
- सहर्ष शुक्ला 184 रैंकइंटर के बाद की तैयारी
लॉरेटो कॉन्वेंट से 2016 में इंटर करने के बाद से नीट की तैयारी की थी लेकिन कहीं न कहीं प्रैक्टिस में कमी रह गई थी. इस बार शुरू से ही कॉन्सेप्ट क्लीयर रखा. जिससे तीसरी बार में सफलता मिली. आगे कार्डियोलॉजिस्ट बनना है.
- वैशाली सिंह, 1459वीं रैंकबुक्स ज्यादा पढ़ीं
नीट में मेरा दूसरा प्रयास था इसलिए कोचिंग के अलावा अलग से बुक्स भी पढ़ीं. कोचिंग के स्टडी मटीरियल से तैयारी की. मैंने एपीएस नेहरू रोड से 12वीं किया है. आगे केजीएमयू से एमबीबीएस करना है. मेरे पापा द्वारिका प्रसाद रक्षा मंत्रालय के पीआरओ ऑफिस लखनऊ में हैं. मां मीना गृहिणी हैं.
- शशांक प्रजापति, 1478वीं रैंक
फिर शुरू की तैयारी
पहले प्रयास में रैंक नहीं मिली थी. फिर तैयारी शुरू की. हर विषय पर रिवीजन किया. आठ से 10 घंटे पढ़ाई के बाद दूसरे प्रयास में सफलता मिली. इसमें एनसीईआरटी की बुक्स काफी मददगार रहीं. आगे केजीएमयू से एमबीबीएस करना है.
- उस्मान जावेद, 1919 रैंक
मैंने सितंबर में एनडीए क्लीयर किया. लेकिन मेडिकल में अनफिट हो गया. उसके बाद बीटेक बायोटेक की तैयारी की. तीसरी बार में इस पर नीट पर पूरा फोकस किया. विश्श्य को लेकर जो वीक प्वाइंटस थे उसे दूर किया. आगे केजीएमयू या आर्म फोर्सेस मेडिकल कॉलेज पुणे में दाखिला लेना है.
- आनंदित त्रिपाठी, 1991 रैंक10 साल के लगाए पेपर
पहले प्रयास में अच्छी तैयारी नहीं हो पाई थी. अनुभव भी कम था. उसके बाद एनसीईआरटी बुक्स से तैयारी शुरू की. रेगुलर टेस्ट प्रैक्टिस की. 10 साल के पेपर लगाए. रैंक के आधार पर केजीएमयू में एडमिशन मिल जाएगा. पापा पवन सचान डायट प्राचार्य हैं. मां रिचा सिंह गृहिणी हैं.
- विशेष सचान, 1517 रैंकबायो पर किया फोकस
11वीं और 12वीं में फिजिक्स और केमेस्ट्री पर फोकस था. जिससे बायो में कमजोर हो गया. फिर मैंने बायो मजबूत करने के लिए एनसीईआरटी बुक्स से तैयारी की. मॉक टेस्ट रेगुलर दिए. जिससे 63 रैंक आई. मौलाना आजाद मेडकिल कॉलेज मेरी पहली चॉयस है. लेकिन मैंने एम्स का एग्जाम भी दिया है.
- विनीत हर्ष 63वीं रैंक