बैंकों के नकारात्मक रवैये से लोगों को नही मिल रहा मुद्रा लोन

50 हजार से अधिक लोन देने में कतराते हैं बैंक

ALLAHABAD: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंकों से लोन लेना आसान नही है। हालात यह है कि बिना अपना मकान हुए बैंक पैसे देने को राजी नहीं होते हैं। नियमों की आड़ में इतना दौड़ाया जाता है कि लोग लोन की आस ही छोड़ देते हैं। हालांकि इसके उलट बैंक अपनी पीठ ठोकने से पीछे नहीं हटते हैं। लीड बैंक का कहना है कि जिले में बैंकों की ओर से 80 फीसदी आवेदकों को बिजनेस के लिए लोन प्रोवाइड कराया गया है।

सबसे ज्यादा मिला शिशु ऋण

मुद्रा योजना के तहत लोगों को तीन कैटेगरी में लोन दिया जाता है। इसमें बिजनेस शुरू करने के लिए 50 हजार रुपए तक का लोन शिशु ऋण के अंतर्गत दिया जाता है। किशोर ऋण में पांच लाख और दस लाख रुपए तक तरुण ऋण में दिया जाता है। आंकड़ों से पता चलता है कि बैंक दो बड़ी लोन कैटेगरी की जगह महज शिशु ऋण बांटने में दिलचस्पी रखते हैं। ताकि, पैसा डूबे तो बैंक का अधिक घाटा न हो। एग्जाम्पल के तौर पर 2017-18 में 80 फीसदी तक शिशु ऋण के आवेदन स्वीकार किए गए हैं। सोर्सेज की मानें तो किशोर ऋण में 20 और तरुण वर्ग में 11 से 12 फीसदी का लोन फाइनल किया गया है।

बैंकों ने बांटा कितना लोन

वित्तीय वर्ष- 2017-18

लोन कैटेगरी स्वीकृत आवेदन स्वीकृत धन

शिशु ऋण 2332 18.35 करोड़

किशोर ऋण 1607 35.18 करोड़

तरुण ऋण 170 16.85 करोड़

लोन बांटने में एसबीआई पीछे्र

पिछले वित्तीय वर्ष में मुद्रा योजना के तहत लोन बंटवारे में एसबीआई पीछे रहा। यहां आए आवेदनों के मुकाबले काफी लोगों को लोन उपलब्ध कराया गया। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, ग्रामीण बैंक आदि ने अच्छा प्रदर्शन किया। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने नाराजगी भी जताई थी। लोगों का कहना है कि जैसा दिखता है वैसा है नही। बैंक में घर के कागजात, म्यूटेशन स्लिप, लैंड लॉर्ड का यूआईडी, दुकान का रजिस्ट्रेशन, एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन, प्रोजेक्ट डीटेल्स, आईटीआर और केवाईसी आदि की मांग की जाती है। दो लाख से ऊपर के लोन पर इनकम टैक्स रिटर्न भराया जाता है। यही कारण है कि महीनों चक्कर काटने के बावजूद लोग शर्ते पूरी नहीं करने पर बगैर लोन रह जाते हैं।

बैंकों पर लगे आरोप गलत हैं। जो लोग डिफाल्टर होते हैं उनका लोन पास नहीं किया जाता है। हम पूरी जांच के बाद ही किसी को लोन दे सकते हैं। लास्ट ईयर जिले में 80 फीसदी आवेदकों को लोन दिया गया।

-रामजी, एलडीएम, इलाहाबाद

कॉलिंग

आसानी से लोन नहीं मिलता है। मैंने भी आवेदन किया था लेकिन सफलता नहीं मिली। बैंक स्टाफ ने कई तरह की शर्ते लागू कर दीं। इसकी वजह से मुझे पीछे हटना पड़ा।

-राधेश्याम, झूंसी

बैंक कहते कुछ और करते कुछ और हैं। अगर आप लोन लेने जाओ तो बार-बार दौड़ाया जाता है। बिना गारंटर लोन नहीं दिया जाता है।

-रमाकांत रावत, व्यापारी

Posted By: Inextlive