फिक्की के एक सर्वे के मुताबिक अपनी दूसरी पारी में सरकार ने पूरी तरह से जनता का भरोसा खो दिया है और इसकी सबसे बड़ी वजह बना है corruption. देश की कुछ Leading industries का मानना है कि corruption से हमारी economic growth चौपट हो रही है.


इस समय पूरे देश में बस एक ही आवाज सुनाई देती है, करप्शन हटाओ, क्या एक्टिविस्ट्स, क्या खास और क्या आम, हर कोई अब देश के लिए कोढ़ साबित होने वाली इस प्रॉब्लम को जल्द से जल्द दूर कर देना चाहता है. इसी बीच देश को संपन्न और दुनिया में महाशक्ति बनाने वाली इंडस्ट्रीज ने भी करप्शन को दूर करने की बात कही है. फिक्की की तरफ से कराए गए एक सर्वे में टॉप इंडियन कॉरपोरेट वर्ल्ड को शामिल किया गया. इंडियन कॉरपोरेट वल्र्ड या इंडिया इंक का सरकार से भरोसा खत्म हो चुका है. कॉरपोरेट वल्र्ड का मानना है कि अगर जल्द करप्शन  दूर नहीं किया गया तो हमारा देश दुनिया में आर्थिक महाशक्ति नहीं बन पाएगा. इसकी वजह से ‘विजन 2020’ का सपना भी टूट सकता है.  Investment पर पड़ेगा असर


फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री एंड चेंबर्स कॉमर्स (फिक्की) की तरफ से देश की 75 लीडिंग कंपनियों को इस सर्वे में शामिल किया गया था. 72 परसेंट कंपनियों का मानना है कि जिस तरह से सरकार में शामिल लोगों के आए दिन करप्शन में इंवॉल्व होने की बातें सामने आ रही हैं उसकी वजह से इन कंपनियों की तरफ से होने वाले इनवेस्टमेंट प्लान पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. Decision making is slow

ऐसे में जब देश में अन्ना हजारे और बाबा रामदेव ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो पूरा देश उनके साथ हो गया. इसके बावजूद सरकार ने किसी तरह के कदम के बारे में कोई ऐलान नहीं किया. देश में मौजूद 80 परसेंट कंपनियां मानती हैं कि सरकार में शामिल लोगों में निर्णय लेने की क्षमता ही नहीं है. Investor के भरोसे को तोड़ा न सिर्फ देश में बल्कि भारत के बाहर से होने वाले इनवेस्टमेंट को करप्शन ने बुरी तरह से अफैक्ट किया है. 2010-11 में होने वाले फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट में 28 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. यह भारत और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति पर से फॉरेन इनवेस्टर्स के कम होते कांफिडेंस का सबूत है. मिड नवंबर से लेकर अब तक इंडिया के शेयर मार्केट या स्टॉक इंडेक्स में 10 परसेंट की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. बता दें कि यही समय था जब देश में अब तक के सबसे बड़े घोटाले 2जी स्पेक्ट्रम का पर्दाफाश हुआ था.Trust betrayed

फिक्की के साथ ही देश के एक लीडिंग न्यूजपेपर ने भी कुछ इस तरह का सर्वे हाल ही में कराया. इसके नतीजे भी बिल्कुल फिक्की के नतीजों से मिलते जुलते थे. इस सर्वे में देश की टॉप 43 कंपनियों के एग्जीक्यूटिव्स शामिल थे. इनमें से 63 परसेंट ने माना करप्शन  से देश की इकोनमिक  ग्रोथ पर बहुत बुरा असर पडऩे वाला है.Credit देने से किया इंकार सर्वे में शामिल कंपनियों ने देश में करप्शन के बावजूद होने वाली ग्रोथ का क्रेडिट सरकार को देने से साफ इंकार कर दिया. बता दें कि इकोनमी के मुद्दे पर सरकार की आलोचना करने वालों को हमेशा से सरकार में शामिल लोग ही गलत बताते आए हैं.  हालांकि करीब आधी कंपनियों ने उम्मीद जाहिर की कि अगले तीन सालों में सरकार बेहतर परफॉर्म करेगी.Survey Report 72%- कंपनियों ने कहा करप्शन की वजह से इनवेस्टमेंट प्लान हो सकते हैं प्रभावित 80%- कंपनियों ने माना सरकार के पास बेहतर निर्णय लेने वाले लोगों की कमी 63%- ने माना करप्शन खोखला कर रहा देश की इकोनमिक ग्रोथ की रफ्तार 28%- 2010-11 के दौरान फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट में 28 परसेंट की गिरावट10%-  तक गिर गया है स्टॉक इंडेक्स

Posted By: Divyanshu Bhard