- जोन-1 की कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज में पांच महीनों तक नहीं बदले गए सर्किल रेट्स

- सरकारी खजाने में करोड़ों का चूना, जानकारी पर प्रशासन में मचा हड़कम्प

- रेट रिवाइज नहीं होने की वजह से पांच महीनों तक ठप रही रजिस्ट्री प्रक्रिया

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KANPUR : रजिस्ट्री विभाग के अफसरों की जानबूझकर की गई लापरवाही ने सरकारी खजाने को तगड़ा चूना लगाया है। नए डीएम सर्किल रेट लागू होने के बाद भी कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज के सर्किल रेट में लगातार पांच महीनों तक कोई बदलाव नहीं किया गया। बल्कि, रजिस्ट्री करना ही बंद कर दिया। इस गड़बड़ी की जानकारी पर प्रशासनिक महकमें में हड़कम्प मच गया।

जोन-क् के सर्किल रेट्स में

पिछले साल ख्भ् नवंबर को शहर में नए डीएम सर्किल रेट लागू हुए थे। नई कीमतें लागू होने के बाद रजिस्ट्री विभाग द्वारा नई बुकलेट पब्लिश करवाई जाती है। पर लास्ट ईयर जो बुकलेट छपवाई गई, उसमें जोन-क् के कॉमर्शियल स्टेबलिशमेंट्स के सर्किल रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया। बल्कि, उसमें पुराने सर्किल रेट्स ही प्रिंट रहे।

पांच महीनों से सिस्टम ठप

नए सर्किल रेट्स में काफी कुछ बदलाव किये गये हैं। दरअसल, गोडाउन-शोरूम आदि के लिए जो भी स्टाम्प ड्यूटी लगाई जाती है। वह कॉमर्शियल रेट की 70 परसेंट तक होती है। यानि अगर लाटूश रोड में किसी कॉमर्शियल स्टेबलिशमेंट को खरीदने में एक लाख की स्टाम्प ड्यूटी लगती है। तो गोडाउन आदि के लिए 70 हजार स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी। चूंकि, नई दरें बुकलेट में प्रिंट नहीं थी। इस कारण अफसरों ने रजिस्ट्री ही ठप कर दीं।

सरकारी खजाने को करोड़ों की चपत

लगातार पांच महीनों से रजिस्ट्री नहीं होने का सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ा है। अफसरों की चूक ने सरकारी खजाने पर करोड़ों रुपए का बोझ डाल दिया है। सीनियर एडवोकेट सतीश कोहली के अनुसार रजिस्ट्री विभाग के अफसर पुरानी दरों पर ही रजिस्ट्री की परमीशन दे रहे थे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रशासन को सूचित किया गया, जिसके बाद अफसरों की नींद टूटी।

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प्रशासन में मचा हड़कम्प

नए डीएम सर्किल रेट में कमी के कारण रजिस्ट्रियां रुकने की जानकारी पर प्रशासनिक महकमें में भी हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में एडीएम फाइनेंस शत्रुघ्न सिंह ने मामले की रिपोर्ट बनाकर डीएम को भेज दी। एडीएम फाइनेंस ने बताया कि यह रजिस्ट्री अफसरों की सीधे तौर पर गलती है। अगर उन्हें इस कमी की जानकारी थी। तो इसे ठीक करवाना चाहिए था। जिससे रजिस्ट्री में कोई बाधा न आ सके।

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जोन-क् के एरिया -

हालसीरोड, लाटूश रोड, मनीराम बगिया, हैरिसगंज, बिरहाना रोड, फीलखाना, रोटी गोदाम, कोपरगंज, खपरा मोहाल, बूचड़खाना, सब्जी मंडी, सुतरखाना, कलक्टरगंज, धनकुट्टी, कराचीखाना, पटकापुर आदि।

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वर्जन वर्जन

ø रजिस्ट्री ऑफिस के एक जोन में पुरानी कीमतों के हिसाब से रजिस्ट्री करवाए जाने के संबंध में जिलाधिकारी को विस्तृत रिपोर्ट दी गई है।

- शत्रुघ्न सिंह, एडीएम फाइनेंस

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ø नए डीएम सर्किल रेट लागू होने के बावजूद जोन-क् के पुराने रेट्स में संसोधन नहीं किया गया। नई बुकलेट में करेक्शन हुआ ही नहीं। लगातार पांच महीनों तक पुरानी दरें ठीक नहीं करवाई गईं। रजिस्ट्री का काम लगभग बंद होने से पब्लिक को परेशानी तो हुई ही, सरकारी खजाने को भी नुकसान हुआ है।

- संतोष कोहली, सीनियर एडवोकेट

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Posted By: Inextlive