यह सच है तमाम तकलीफों के बाद भी हमारी कंट्री अपने नेबर्स से काफी बेहतर हालत में है . हाल ही में हुए सर्वे बताते हैं हम अपने नेबर्स की तरह हालात से जूझने में इतने नहीं उलझे हैं की हमारी सक्सेस का रेट डाउन होने लगे जैसा की बाकी देशों के साथ हो रहा है


भारत में क्राइम अगेंस्ट वुमन का ग्राफ काफी हाई है। आए दिन छेड़छाड़ और रेप केसेज की घटनाएं हेडलाइंस बन रही हैं। इन सबके बावजूद भारत अपने पड़ोसी मुल्कों से कहीं बेहतर स्थिति में है। यह कहना है फॉरेन पॉलिसी मैगजीन का। मैगजीन ने फेल्ड स्टेट्स की एनुअल रैंकिंग जारी की है। इसके अनुसार भारत के पड़ोसी मुल्कों की सिचुएशन लगातार खराब हो रही है। जबकि तमाम कमियों के बावजूद भारत 177 देशों की लिस्ट में 76वें नंबर पर कायम है।


भारत एकमात्र साउथ एशियन देश है जिसने अपनी लास्ट इयर की रैंकिंग में सुधार किया है। फॉरेन फेल्ड स्टेट्स इंडेक्स में 12 इंडिकेटर्स के बेस पर 177 कंट्रीज को लिस्टेड किया गया है। इन 12 इंडिकेटर्स में, देश पर पडऩे वाले दबाव, पब्लिक सर्विसेज, गरीबी का स्तर, सिक्योरिटी सिस्टम और वहां पर आने वाले रिफ्यूजीज की संख्या को काउंट किया जाता है। मैगजीन के मुताबिक यह इंडिकेटर्स दिखाते हैं कि इन मुल्कों में जिंदगी कितनी स्टेबल या अनस्टेबल है।

फॉरेन रिलेशंस के स्कॉलर स्टीवर्ट पैट्रिक ने इंडिया के बारे में कहा कि इंडिया में बहुत चीजें खराब हैं। गवर्नमेंट की फेल्योर पर लगातार बहस चल रही है। इसके बावजूद जहां एशिया में अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे मुल्क मुश्किलों में घिरे हैं, वहीं भारत एक अपवाद बनकर उभरा है। निराशा के घोर अंधकार में यह थोड़ी खुशी देने वाला है।

वैसे तो लिस्ट में सबसे बदतर हाल वाली कंट्रीज में अफ्रीकन कंट्रीज आगे हैं। मगर भारत के पड़ोसी मुल्कों का हाल भी बहुत अच्छा नहीं है। लिस्ट में अफगानिस्तान 7वें नंबर पर है। इसके अलावा पाकिस्तान 12वें, म्यांमार 18वें, बांग्लादेश 25वें, नेपाल 27वें, श्रीलंका 29वें और भूटान 50वें नंबर पर है। चीन इन सबसे थोड़ी बेहतर हालत में है जो फेल्ड स्टेट्स की लिस्ट में 72वें नंबर पर है। भारत के सभी पड़ोसी मुल्क फेल्ड स्टेट्स बनने के बेहद करीब ‘डेंजर जोन’ में हैं। वहीं अफगानिस्तान और पाकिस्तान की हालत कुछ ज्यादा ही क्रिटिकल है। पाकिस्तान में जिहाद और टेरर की घटनाएं, यहां के न्यूक वेपंस पर मंडराता खतरा, टेररिस्ट्स को मिलने वाला सहारा इसके लिए और भी ज्यादा खतरा पैदा कर रहा है। पैट्रिक कहते हैं कि पाकिस्तान और यमन में अलकायदा की मौजूदगी। नेतृत्वकर्ताओं द्वारा चरमपंथियों के खिलाफ विरोध की इच्छाशक्ति का अभाव इसे और भी ज्यादा खतरनाक बनाता है।


स्टीवर्ट पैट्रिक कहते हैं कि केन्या और पाक जैसे देश टेररिस्ट्स के लिए लांगटर्म में एडवांटेज दे रहे हैं। ट्रॉब कहते हैं कि पाकिस्तान तो सोमालिया की तरह भी नहीं है कि जहां गवर्नमेंट ना होने से हालात बदतर हैं। बल्कि यहां पर जिहादी ग्रुप को मिलने वाला सपोर्ट, इसके लिए ज्यादा बड़ा खतरा है। पाकिस्तानी मिलिट्री और इंटेलीजेंस सर्विसेज द्वारा जिहादी ग्रुप्स को सहायता मुहैया कराना, भारत के खिलाफ बदले की भावना जैसी कुछ बाते हैं जो पाकिस्तान को ‘कॉकपिट ऑफ टेररिस्ट वायलेंस’ में बदल देती हैं।

Posted By: Inextlive