कालाधन मामले में स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत में चल रही जांच से जुड़े एक और नाम का खुलासा किया है। इस खुलासे में कहा गया है कि उसे इंदौर की टेक्स्टाइल फर्म नियो कॉर्प इंटरनेशनल लि के बारे में जानकारी देने का आग्रह पत्र मिला है। इस कंपनी के खिलाफ कथित कर चोरी के आरोप में आयकर विभाग ने इसी वर्ष फरवरी में विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की थी।


स्विटजरलैंड प्रशासन से मांगी है जानकारी कालाधन पर अंकुश लगाने के लिए स्विट्जरलैंड से प्रशासनिक सहायता तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए हुए समझौते के तहत भारत सरकार ने स्विस बैंकों में संदिग्ध तौर पर कालाधन जमा करने वाले कई लोगों और कंपनियों के बारे जानकारी मांगी है। इस कड़ी में स्विस सरकार ने अपने आधिकारिक गजट में नियो कॉर्प का नाम प्रकाशित किया है। स्विस सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करना संबंधित व्यक्ति के बारे में सूचना साझा करने की पहली कड़ी होती है। उसमें व्यक्ति को अपील करने का अधिकार होता है। लेकिन इससे यह माना जाता है कि स्विस सरकार उक्त मामले में जानकारी साझा करने को सिद्धांतत: राजी है।कंपनी को नहीं है कोई फिक्र
ब्लैक मनी की आशंका और स्विस बैंक में खातों से चर्चा में आई नियो कॉर्प इंटरनेशनल इंदौर से शुरू  होकर 20 से ज्यादा देशों में कारोबार कर रही है। हाल ही में ताजा कार्रवाई नियो कॉर्प पूरी तरह बेफ्रिक है। कंपनी के चेयरमैन और एमडी सुनील के त्रिवेदी ने स्वीकार किया है कि स्विस बैंक में उनके दो अकाउंट हैं। कंपनी ने स्विट्जरलैंड की ‘इन्वेस्टेक बैंक’ में दो अकाउंट खोले थे। इस वर्ष की शुरआत में जब कंपनी में आयकर तलाशी हुई थी तब दोनों अकाउंट की जानकारी मिली थी।एक अकाउंट के जरिए विदेश से सौ करोड़ से ज्यादा की पूंजी अर्जित करने का जबकि दूसरे से किसी तरह के लेन-देन नहीं होने की जानकारी मिली थी। जीरो बैलेंस पर हुआ शककंपनी चेयरमैन त्रिवेदी के मुताबिक, आयकर तलाशी के दौरान कंपनी ने स्विस बैंक के दोनों अकाउंट का ब्योरा दिया था। एक अकाउंट के जरिए करीब 104 करोड़ की पूंजी अर्जित की गई थी। इंवेस्टेक बैंक के स्विस अकाउंट का कभी उपयोग ही नहीं किया। हमने सरकार को इसकी जानकारी दे दी थी। अब सरकार अपने स्तर पर जांच कर रही है। यह तय प्रक्रिया है और इससे हमें कोई परेशानी नहीं है। क्या है नियो कॉर्प


नियो कॉर्प की स्थापना 1985 में इंदौर में बच्चूभाई के नाम से जाने जाने वाले कैलाशचंद्र त्रिवेदी ने की थी। गुजराती समाज से लेकर शहर के तमाम व्यापारिक और सामाजिक संगठनों में सक्रिय रहे बच्चूभाई की कंपनी बाद में नियो कॉर्प में तब्दील हुई। उनके बेटे सुनील के त्रिवेदी अब इसकी कमान संभाल रहे हैं। कंपनी का कारपोरेट ऑफिस इंदौर में है, जबकि रजिस्टर्ड ऑफिस मुंबई में हैं। देश के अलग-अलग शहरों के साथ लंदन, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स से लेकर हांगकांग और लातिन अमिरिकी देश उरुग्वे में भी इसका ऑफिस है। कंपनी देश के दोनों स्टॉक एक्सजेंच के साथ यूरोपियन देश ल्गजमबर्ग के स्टॉक एक्सचेंज में भी सूचीबद्ध है।

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Posted By: Molly Seth