केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 देश छात्रों शिक्षकों और संस्थानों की क्षमता निर्माण पर केंद्रित करने वाली है। इस एनईपी के लिए 15 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। केंद्र सरकार इसके लिए अनुच्छेद-वार सुझाव मांग रही है।


नई दिल्ली (एएनआई)। 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020: शिक्षा का उज्ज्वल भविष्य' वेबिनार पर शुक्रवार को बोलते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई नीति की देशव्यापी मंजूरी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के अलावा न केवल छात्रों की क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी, बल्कि शिक्षकों और संस्थानों पर भी फोकस करेगी। यह पहली बार है जब पूरा देश एक नीति को लेकर इतना उत्साहित है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने यह भी कहा, हमें एनईपी के लिए 15 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। सरकार एनईपी के लिए अनुच्छेद-वार सुझाव मांग रही है।नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम एनईपी


केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 29 जुलाई को अनुमोदित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य एक व्यक्ति को एक या एक से अधिक विशिष्ट क्षेत्रों में गहन स्तर पर अध्ययन करने में सक्षम बनाना है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा से जुड़े एक दिवसीय सम्मेलन में कहा था कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसे इस तरह से बनाया गया है कि पाठ्यक्रम को कम किया जा सकता है और मूल सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।

हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया हैइसके पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है। हालांकि अभी ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विद्यार्थियों की जिज्ञासा और जानकारी दोनों को ही बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा था कि हमें अपने छात्रों को 21 वीं सदी की स्किल्स के साथ आगे ले जाना होगा। 21वीं सदी की 5 स्किल्स क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलैबोरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन होगी।

Posted By: Shweta Mishra