नेपाल ने एकल पर्वतारोही के माउंट एवरेस्ट समेत अपने यहां के पहाड़ों पर चढऩे पर रोक लगा दी है। इसके अलावा दोनों पांव गवांने वालों और दृष्टिहीनों पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा। पर्वतारोहण के दौरान दुर्घटनाओं को कम करने के लिए उसने यह कदम उठाया है।


पर्वतारोहण नियमों में संशोधन को दी मंजूरीनेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव महेश्वर न्यूपाने ने बताया कि नेपाल के कैबिनेट ने शुक्रवार को पर्वतारोहण संबंधी नियमों में संशोधन को मंजूरी दी। इसमें इन प्रतिबंधों का प्रावधान है। नेपाल सरकार ने 2018 का पर्वतारोहण सत्र शुरू होने से पहले यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहण को सुरक्षित बनाने की दृष्टि से कानून में संशोधन किए गए हैं। गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में एवरेस्ट के नजदीक नुपत्से की चोटी फतह करने के दौरान अकेले स्विस पर्वतारोही यूएली स्टेक की फिसल जाने से मौत हो गई थी। ऐवरेस्ट फतह करने वाली विश्व की पहली महिला का निधन, इन बातों से रहेंगी हमेशा यादपूर्व गोरखा सैनिक ने बताया भेदभावपूर्ण आदेश
अफगानिस्तान में दोनों पांव गवांने वाले और एवरेस्ट की चढ़ाई के इच्छुक पूर्व गोरखा सैनिक हरि बुधा मागर ने प्रतिबंध को भेदभावपूर्ण बताया है। गौरतलब है कि हर साल वसंत और हेमंत ऋतु में हजारों पर्वतारोही नेपाल आते हैं। करीब 8,000 मीटर ऊंची दुनिया की 14 चोटियों में से आठ नेपाल में हैं। पिछले साल करीब 450 पर्वतारोहियों ने नेपाल की तरफ से एवरेस्ट फतह किया था। इनमें 190 विदेशी और 259 नेपाली पर्वतारोही शामिल हैं। पांचवी बार एवरेस्ट फतह कर अंशू ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें कब-कब चोटी पर लहराया तिरंगा

Posted By: Satyendra Kumar Singh