अभी लगभग 15 दिन ही हुए हैं जब भूकंप के झटको ने भारत और पड़ोसी राज्य नेपाल को हिला कर रख दिया था. आज मंगलवार की दोपहर करीब 12.35 पर आए करीब 7.3 तीव्रता के भूकंप ने एक बार उसी दहशत को फिर से जिंदा कर दिया.

आज रिएक्टर स्केसल पर 7.3 तीव्रता के भूकंप ने दोपहर 12.35 पर एकबार फिर नेपाल और पूर्वी एवम् उत्तर भारत के बड़े हिस्से जिसमें दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल शामिल हैं को थर्रा दिया. इसका केंद्र काठमांडू से करीब 80 किमी दूर कोडारी में बताया गया.

लौटा फिर वही डर का आलम
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि भूकंप के झटके दिल्ली के साथ-साथ बिहार, यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान गुवाहाटी, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत कुछ नॉर्थ ईस्ट इलाकों में भी महसूस किए गए. इस भूकंप के तीन केंद्र थे. जिसमें से दो का केंद्र नेपाल और एक का केंद्र अफगानिस्तान था. नेपाल में एक केंद्र की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 और दूसरे की 6.2 मापी गई है. नेपाल के कोडारी में भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 18 किलोमीटर नीचे था. वहीं, अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 6.9 मापी गई है. भूकंप के तेज झटकों से एक बार फिर दशहत का माहौल कायम हो गया और लोग घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर और खुले मैदानों में आ गए.
उत्तर से पूर्व तक थर्राया भारत
दोपहर करीब 12 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, ओडिशा, असम और उत्तर प्रदेश में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इसके बाद एक बार फिर 1 बजकर 9 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. इसके बाद दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर फिर भूकंप का झटका आया. इसकी तीव्रता 4.4 थी. हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, मनाली, कांगडा, धर्मशाला, मंडी और शिमला में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटकों के बाद दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो सेवा रोक दी गई है.

बढ़ता जा रहा है मौत का आंकड़ा
इस बीच, भूकंप से नेपाल में कई लोगों मारे जाने और कई इमारतें गिरने की सूचना है. काठमांडू से 80 किमी दूर कोडारी में कई मकान गिर गए हैं. अब तक वहां 28 लोगों की मौत होने की अपुष्ट  खबर है और 300 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं. पता चला है कि अकेले सिंधुपाल चौक में ही बारह लोगों की मौत हुई है. अब तक बिहार में 13 लोगों के मरने और पांच लोगों के घायल होने की खबर है.
चीन में भी महसूस हुए झटके  
भारतीय मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप का केंद्र नेपाल में लामजंग से दक्षिण पूर्व 60 किलोमीटर पर स्थित था, जहां 25 अप्रैल को पहला विनाशकारी भूकंप आया था, वहीं चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र ने कहा है कि रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई है और इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था. पता चला है कि भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा पर था इसलिए नेपाल के मुकाबले इससे चीन को ज्यादा नुकसान होने की संभावना है.
मौसम विभाग की मानें तो अभी कम तीव्रता वाले भूकंप के और झटके आ सकते हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत नेपाल की मदद को तैयार है. प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट करके जानकारी मांगी. एनडीआरएफ की टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

Posted By: Molly Seth