- खुद को डीएम का चपरासी बताकर बरेली के एक होटल में था ठहरा, कैंट से पकड़ा गया

-होटल के कमरे को खंगाला, डायरी से मिले 11 दूतावास और अधिकारियों के नंबर

बरेली : सुरक्षा में सेंध लगाने की फिराक में कैंट एरिया में घूम रहे नेपाली युवक की एक्टिविटी काफी संदिग्ध मिली है। उसके पास से जो दस्तावेज मिले हैं, उससे इस संदिग्ध युवक के पाकिस्तान समेत कई देशों से तार जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं। यह युवक तीन फर्जी आईडी लेकर घूम रहा था। साथ ही, इसके पास जो डायरी मिली है। उसमें 11 देशों के दूतावास के नंबर, मंत्रियों व नेताओं के नाम भी लिखे मिले हैं। पूछताछ में कई गुमराह करने वाली बातें भी सामने आई हैं। ये भी पता चला है कि यह नेपाल का रहने वाला है। फिलहाल, आर्मी इंटेलीजेंस ने शुरुआती पूछताछ के बाद उसे कैंट पुलिस को सौंप दिया है। मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। एटीएस, आईबी और एलआईयू की टीमें नेपाल से लखनऊ और बरेली के कनेक्शन को ध्यान में रखते हुए जांच में लग गई हैं। वहीं, कैंट पुलिस इस मामले को लेकर संशय में है।

कैंट एरिया में पकड़ा गया

आर्मी इंटेलीजेंस ने वेडनसडे की रात साढ़े तीन बजे डिफेंस स्टेट ऑफिस के पास घूम रहे संदिग्ध गंगा बहादुर को पकड़ा था। पूछताछ में उसने लिखकर बताया कि वह नेपाल के गुल्मी जिले का रहने वाला है। मूक बधिर होने के कारण खुफिया एजेंसी को उससे पूछताछ करने में काफी परेशानी आई। यह भी बताया कि वह आठ सालों से लखनऊ के हुसैनगंज में रहता था। सितंबर महीने में बरेली आया, और बड़ा बाजार के एक होटल में 200 रुपये रोज के हिसाब से रहने लगा।

होटल मालिक को भी था शक

नेपाली युवक की गिरफ्तार के बाद आर्मी इंटेलीजेंस की टीम ने नारायण होटल के मालिक अशोक से पूछताछ की। तब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अशोक ने बताया कि नेपाली युवक संदिग्ध लगता था। होटल में बीते 07 अगस्त से किराए में रह रहा था। उसने बताया था कि वह लखनऊ, सचिवालय से आया है और बरेली के डीएम का पर्सनल चपरासी है।

11 दूतावास के मिले नंबर

होटल मालिक की मौजूदगी में आर्मी इंटेलीजेंस ने रूम की तलाशी ली। टीम को रूम से एक डायरी मिली, जिसमें साउथ कोरिया, जापान, कुवैत, सऊदी अरब, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, म्यांमार, कतर समेत तीन अन्य दूतावासों के नंबर मिले हैं। इसके अलावा दस पेन ड्राइव, दो मोबाइल, दस सिम कार्ड मिले हैं, जिसमें तीन सिम नेपाल के हैं और सात इंडियन टेलीकॉम कंपनी के हैं। जांच के लिए टीम ने सिमकार्ड और मोबाइल को फॉरेसिंक लैब में भेजा है।

तीनों आईडी में नाम अलग

आर्मी इंटेलीजेंस को नेपाली युवक के रूम से अलग-अलग नाम और पते के तीन फर्जी पहचान पत्र मिले हैं। बिहार के पूर्णिया जिले का पता है। नाम मोहम्मद मंजर लिखा हुआ है, जबकि नेपाल से बने सहयोग कर्मचारी महासंघ के आईडी कार्ड में उसका नाम सुमन बहादुर है। वहीं, एक और आधारकार्ड है, जिसमें बरेली का पता है। उसमें इसका नाम गंगा बहादुर विश्वकर्मा है।

एटीएस ने भेजी रिपोर्ट

आर्मी इंटेलीजेंस ने पड़ताल के लिए नेपाली युवक को कैंट पुलिस के हवाले किया। उसके बाद एटीएस ने इस मामले में गहनता से जांच की तो उसके बाद जो सुबूत मिले उसके आधार पर नेपाली युवक के बारे में पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी।

गले नहीं उतर रहे ये कहानी

नेपाली युवक से पूछताछ के बाद, पुलिस ने बताया कि उसके परिवार की तीन साल पहले नेपाल में आए भूकंप में मौत हो गई थी। उसके बाद वह लखनऊ के पुराने तोपखाने में रहकर मोमोज का ठेला लगाने लगा। सितम्बर महीने में बरेली आया, यहां वह भीख मांगकर गुजरा कर रहा था, जबकि उसके पास एटीएम और तमाम संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।

पकड़ा गया नेपाली युवक संदिग्ध नहीं है। वह मूक बधिर है। शक के आधार पर आर्मी इंटेलीजेंस ने उसे पकड़ लिया था। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस उसे छोड़ देगी।

अवनीश यादव, कैंट इंस्पेक्टर

शासन से रिपोर्ट आने के बाद ही नेपाली युवक को छोड़ा जाएगा। खुफिया एजेंसी इस पूरे मामले की जांच में जुटी है। अभी कुछ कह नहीं सकते। सिर्फ मामला संदिग्ध है। इसी के आधार पर हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।

रविन्द्र सिंह, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive