Pathalgadi movement of Jharkhand: झारखंड में नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने का किया गया है। आइए जानते हैं कि इस आंदोलन का इतिहास व राज्‍य सरकार के ताजा फैसले के बारे में।

रांची (ब्‍यूरो)। हेमंत सोरेन ने शपथ लेने के बाद अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में चुनावी वायदों को पूरा करने की शुरुआत कर दी। रविवार की शाम धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में अपनी कैबिनेट के तीन सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक की। पहली बैठक में मुख्य रूप से तीन फैसले लिए गए। इसमें सबसे अहम फैसला पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने से जुड़ा था। वहीं कैबिनेट ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ चले आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को भी वापस लेने का फैसला किया।

स्टीफन मरांडी बने प्रोटेम स्पीकर

कैबिनेट ने महेशपुर से चुनकर आए झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम प्रो स्टीफन मरांडी को प्रोटेम स्पीकर के रूप में मनोनीत करने का भी फैसला किया। वे विधानसभा के नव निर्वाचित विधायकों को असेंबली में शपथ दिलाएंगे। विधायकों के शपथ ग्रहण के लिए पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 6, 7 और 8 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी।

दर्ज हुआ था देशद्रोह का मुकदमा

वर्ष 2018 में पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा जोरदार आंदोलन चलाया गया था। उस दौरान बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी साल जून के अंत में सरकार ने कुछ प्रमुख नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी दी थी। गृह विभाग ने खूंटी डीसी की अनुशंसा पर पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की स्वीकृति दे दी थी। असल में इस साल खूंटी व चाईबासा के सीमावर्ती इलाकों में पत्थलगड़ी दोबारा शुरू होने के बाद आंदोलनकारियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसे लेकर खूंटी एसपी द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसे आधार बनाकर गृह विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे को अभियोजन की स्वीकृति की अनुशंसा भेजी गई थी। रिपोर्ट में खूंटी के मुरहू, खूंटी व अड़की थाना क्षेत्रों में पत्थलगड़ी से सीधे जुड़े लोगों पर देशद्रोह की धारा 124 (ए) भादवि के तहत प्राथमिकियां दर्ज होने की बात कही गई थी। यहां तक कि सुपरविजन रिपोर्ट में भी आरोपियों पर देशद्रोह की पुष्टि हो चुकी थी। जिन आरोपियां पर अभियोजन की स्वीकृति दी गई थी, उनमें बैजनाथ पाहन, मोगो सेबेयन बोदरा, जॉन जुनास तिड़ू , बलराम समद, ठाकुर मुंडा, नाग मुंडा व पौलुस टुटी के नाम शामिल थे।

Posted By: Inextlive