गंगा के जीर्णोद्धार व वाटर मैनेजमेंट पर रिसर्च के लिए बीएचयू ने शुरू की एक नये सेंटर की कवायद

सेंटर के लिए तीन सौ करोड़ का है प्रस्ताव, बीएचयू के 20 डिपार्टमेंट मिलकर बनायेंगे सेंटर

VARANASI

गंगा सिर्फ नदी नहीं बल्कि यह जीवनधारा है। इसका पानी अमृत है। पर अफसोस कि आज गंगा का अमृतत्व विलुप्त होने के कगार पर है। पूरा देश गंगा में हुए परितर्वन को लेकर चिंतित है। सरकार ने बकायदा गंगा मंत्रालय की शुरुआत कर दी है। इसी क्रम में बीएचयू ने कदम बढ़ाया है। जी हां बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने 'मालवीय रिसर्च सेंटर फॉर रीवर डेवलपमेंट एण्ड वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट' के स्थापना की कवायद शुरू की है। वीसी की पहल पर शुरू किये जा रहे सेंटर के लिए वर्किंग गु्रप का भी गठन कर दिया गया है।

तीन सौ करोड़ का है प्रस्ताव

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फेमस नदी विशेषज्ञ बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रो बीडी त्रिपाठी को सेंटर की स्थापना के लिए गठित वर्किंग ग्रुप का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। सोशल साइंस फैकल्टी के प्रो एके जोशी, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के प्रो रमेश चंद्र, बॉयोकेमिकल इंजीनियरिंग के डॉ प्रदीप श्रीवास्तव व जॉएंट रजिस्ट्रार डेवलमेंट बीएचयू को मेंबर बनाया गया है। सेंटर की स्थापना के लिए तीन सौ करोड़ रुपये का प्रपोजल तैयार किया है। सेंटर का उद्देश्य न सिर्फ गंगा के पुरातन स्वरूप को वापस लाना होगा बल्कि वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए पानी के प्रबंधन व नदियों के विकास पर रिसर्च भी होगा।

मल्टीडिसिप्लिनरी होगा सेंटर

'मालवीय रिसर्च सेंटर फार रिवर डेवलपमेंट एण्ड वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट' एक मल्टीडिसिप्लिनरी सेंटर होगा। बीएचयू के भ् फैकल्टी और चार इंस्टीट्यूट्स के ख्0 डिपार्टमेंट के एक्सप‌र्ट्स के सहयोग से सेंटर का निर्माण किया जायेगा। बाद में वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम कर रही नेशनल और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट्स को भी सेंटर से जोड़ा जायेगा। सेंटर के तहत एक लेबोरेटरी, मोबाइल लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब और वाटर सैंपलिंग के लिए मोटर बोट आदि की व्यवस्था होगी।

Posted By: Inextlive