- भारत में जल्द बनेंगे रूसी रक्षा उपकरणों के कल-पुर्जे

- दोनों देशों की कंपनियों के बीच हुए 14 करार

- डिफेंस एक्सपो में पांचवां भारत-रूस सैन्य औद्योगिक सम्मेलन

रुष्टयहृह्रङ्ख : भारतीय रक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रूसी रक्षा उपकरणों के कल-पुर्जो का निर्माण बहुत जल्द भारत में शुरू हो जाएगा। इससे देश की रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भरता और बढ़ेगी। इसके लिए गुरुवार को भारत व रूस की कंपनियों के बीच 14 करार हुए। यह करार भारतीय उद्योगों के साथ रूस की मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) कंपनियों के साथ हुए।

रक्षा सचिव हुए शामिल

डिफेंस एक्सपो के मौके पर लखनऊ में पांचवां भारत-रूस सैन्य औद्योगिक सम्मेलन (आईआरएमआईसी) का आयोजन किया गया। इसमें भारत की ओर से रक्षा सचिव डॉ। अजय कुमार तथा रूसी संघ की ओर से उद्योग एवं व्यापार उपमंत्री ओलेग रियाजांत्सेव शामिल हुए। इस मौके पर रक्षा सचिव ने कहा कि भारत में कल-पुर्जो के संयुक्त उत्पादन के बारे में अंतरसरकारी समझौते (आईजीए) पर चार सितंबर, 2019 को रूस में हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इसी के तहत रूस के रक्षा उपकरणों के कल-पुर्जो का भारत में निर्माण करने के लिए एमओयू किए जा रहे हैं।

सभी जरूरी कदम उठाएंगे

रूस के उपमंत्री ओलेग रियाजांत्सेव ने कहा कि भारत में रक्षा उपकरणों के कल-पुर्जो के निर्माण के लिए सभी आवश्यक कदम रूस उठाएगा। इसी कड़ी में कल-पुर्जो के निर्माण के लिए पहला रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल भारतीय नौसेना ने एक भारतीय कंपनी को सौंपा।

कल्याणी बनाएंगी एसाल्ट रायफल व मशीन गन

रुष्टयहृह्रङ्ख (6 स्नद्गढ्ड) : कल्याणी ग्रुप ने डिफेंस एक्सपो में बुल्गारिया की कंपनी आर्सेनाल ज्वाइंट स्टॉक कंपनी की मदद से देश में छोटे हथियार बनाने का करार किया है। दोनों कंपनियों के बीच रणनीतिक समझौते के तहत तकनीक साझा की जाएगी। एमओयू के तहत एसाल्ट रायफल (एआर-एम5एफ41) व मशीन गन (एमजी-एमटू) का निर्माण अब देश में होगा।

किफायती होंगे हथियार

कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम लिमिटेड (केएसएसएल) के चेयरमैन राजिंदर सिंह भाटिया ने कहा कि उनकी कंपनी छोटे हथियारों के निर्माण को लेकर बेहद उत्साहित है। छोटे हथियारों के निर्माण में आर्सेनाल कंपनी की तकनीक व अनुभव बड़ा है। उनके सहयोग से कल्याणी गु्रप देश में बने उच्च स्तरीय व किफायती छोटे हथियार उपलब्ध करायेगा।

एयरक्राफ्ट सेवा क्षेत्र में साझा कदम बढ़ाएंगे अडानी और एयरबस

एयरक्राफ्ट सेवा क्षेत्र में अब मिलकर कदम बढ़ाने का निर्णय अडानी समूह और एयरबस इंडिया ने लिया है। दोनों कंपनियों ने यहां डिफेंस इंडिया एक्सपो में समझौता कर तय किया कि भारत और दक्षिण एशियाई बाजार में सेवाओं के अवसर अब मिलकर खोजे जाएंगे। गुरुवार को एयरबस इंडिया एंड साउथ एशिया के प्रेसीडेंट व एमडी आनंद स्टैनली और अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के प्रमुख आशीष राजवंशी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एयरबस की वैश्विक सेवा संबंधी भविष्यवाणी के अनुसार भारतीय एयरक्राफ्ट सेवाओं का बाजार वर्ष 2025 तक 6.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

अडानी समूह के साथ एल्बिट ने भी किया एमओयू

एल्बिट एडवांस्ड सिस्टम इंडिया लिमिटेड ने भी अडानी इंटरप्राइजेज इंडिया के साथ एक एमओयू किया। दोनों कंपनियां डिजाइन एंड डेवलपमेंट सेंटर फॉर डिफेंस टेक्नोलॉजी की स्थापना को लेकर सहमत हुई। यह डिजाइन सेंटर सशस्त्र बलों की जरूरतों के अनुरूप भविष्य के उत्पादों के निर्माण के लिए आरएंडडी इंजीनियरों के रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।

Posted By: Inextlive