ई-कॉमर्स के बढ़ते बिजनेस को देखते हुये RBI अब इस पर नये सिरे से विचार करने जा रहा है. रिजर्व बैंक के डिप्‍टी गवर्नर एच.आर.खान ने गुरुवार को कहा कि ई-कॉमर्स बिजनेस को लेकर केंद्रीय बैंक की कुछ चिंतायें हैं और इस बारे में दिशा-निर्देश लेकर आयेगा.

ई-कॉमर्स को करना होगा कंट्रोल
नेशनल पेमेंट कॉरपोरकशन ऑफ इंडिया (NPCI) के एक कार्यक्रम को संबोधित करने आये खान ने कहा, 'कुछ मुद्दे हैं हैं, जिन्हें हम देखने की कोशिश कर रहे हैं. ई-कामर्स नया है और हम इसे दूर नहीं कर सकते, इसलिये हम इस पर गौर करेंगे. हम इसको लेकर कुछ दिशा-निर्देश लाने पर विचार कर रहे हैं.' हालांकि खान ने इस टॉपिक पर कुछ विस्तार से नहीं बताया, कि नियामक की आखिर चिंता किस बात को लेकर है. फिलहाल खान के इस बयान को देखकर कहा जा सकता है कि सरकार ई-कॉमर्स को दूर तो नहीं बल्कि उस पर थोड़ा कंट्रोल रखना चाहती है.
विभाग की मामले पर नजर
आपको बताते चलें कि इससे पहले वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी कहा था कि उनका विभाग इस मामले पर लगातार नजर रखे हुये है. एच.आर.खान ने यह भी बताया कि, हम उम्मीद करते हैं कि हमारा कोई भी डिसीजन एक बड़ा गेम चेंजर के रूप में सामने आयेगा. हम फरवरी के मध्य तक गाइडलाइंस जारी करने की कोशिश करेंगे. हालांकि इसकी मदद से स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री में काफी कुछ बदलाव हो सकता है.
ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायत
गौरतलब है कि यह मामला तब सामने आया, जब दुकानों के जरिये माल बेचने वाले परंपरागत कारोबारियों ने ई-कॉमर्स को लेकर हो रही प्रतिस्पर्धा को देखते हुये आयोग से शिकायत की थी. ई-कॉमर्स के बढ़ते बिजनेस से सबसे ज्यादा नुकसान फुटकर व्यापारियों को हुआ है, जिसके वजह से उनको बिजनेस में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. फिलहाल खान ने बताया कि रिजर्व बैंक बकाये बिल के आधार पर कर्ज देने की व्यवस्था पर जल्दी ही अंतिम दिशा-निर्देश जारी करेगा. इस संबंध में मसौदा जुलाई में जारी किया गया था. 

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari