नौसिखिया से रहें सावधान, मुश्किल में पड़ सकती है जान
- खूब एक्सीडेंट कर रहे हैं लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस धारक
- आरटीओ में जुगाड़ से आसानी से हासिल कर लेते हैं लर्निग डीएल LUCKNOW: राजधानी ही नहीं पूरे प्रदेश में लर्निग डीएल लेकर वाहन चलाने वाले न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि दूसरों की जिंदगी संग भी खिलवाड़ कर रहे हैं। यह सच्चाई सामने आई है परिवहन विभाग की एक पड़ताल में, जिसे विभाग ने प्रदेश में हो रहे एक्सीडेंट के कारणों की खोज के लिए किया। यह सच्चाई सामने आने पर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो लोग लर्निग डीएल लेकर वाहन चला रहे हैं, दूसरे वाहन चालक उनसे दूरी बनाकर चलें। लगातार बढ़ रहे हादसे वर्ष एक्सीडेंट परमानेंट डीएल लर्निग डीएल2018 42,568 18000 से अधिक 20000 से अधिक
2019 40,000 18000 से अधिक 21000 से अधिक
नहीं रखते नियमों का ध्यान विभागीय अधिकारियों ने बताया कि लर्निग लाइसेंस वालों के लिए कई तरह के नियम तय हैं लेकिन वे इन पर ध्यान नहीं देते। इसी के चलते उनसे एक्सीडेंट हो जाते हैं। कई अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था में बदलाव किया गया, जिससे लाइसेंस सही हाथों में पहुंचे, लेकिन यहां पर लाइसेंस दिए जाने में खिलवाड़ हो रहा है। बॉक्स लाइसेंस जारी करने के नियम - आवेदक को सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन करना होता है - सारथी सॉफ्टवेयर पर जाकर फीस जमा करनी होती है - ऑनलाइन आवेदन के बाद टाइम स्लॉट मिलता है - टाइम स्लॉट पर आवेदक को रिटेन टेस्ट और वाहन चलाकर दिखाना होता है - दोनों टेस्ट में पास होने पर छह माह का लाइसेंस जारी किया जाता है - लाइसेंस को आवेदक कहीं से भी डाउनलोड कर सकता है - लर्निग डीएल बनने के एक से छह माह के अंदर परमानेंट डीएल के लिए आवेदन करना होता है- इसके लिए भी रिटेन टेस्ट और वाहन चलाकर दिखाना पड़ता है
- टेस्ट में पास होने वाले के पते पर परिवहन विभाग परमानेंट डीएल भेजता है बाक्स यहां तो चलता है खेल आरटीओ ऑफिस के बाहर ढेरों दुकानें हैं, जहां डीएल के आवेदन के लिए लोगों से 100 रुपए लिए जाते हैं। आवेदन का फॉर्म लेकर दलाल ही अंदर जाते हैं और रिटेन टेस्ट अधिकारियों की मिलीभगत से पूरा कराते हैं। यही नहीं एक मोटी रकम लेकर आवेदकों का यह टेस्ट भी नहीं लिया जाता है कि उन्हें वाहन चलाना आता भी है कि नहीं। बहुत से लोग इसी तरह लर्निग डीएल हासिल कर लेते हैं। बॉक्स लर्निग डीएल वालों के लिए नियम - वाहन पर आगे-पीछे रेड कलर से L लिखवाना अनिवार्य है। जिससे पता चले कि ड्राइवर एक्सपर्ट नहीं है। - टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर दोनों ही के ही ड्राइवर के पास अगर लर्निग डीएल है तो उन्हें वाहन पर L लिखवाना अनिवार्य है।- लर्निग डीएल वाला अगर टू व्हीलर चलाता है तो उसके पीछे स्थाई लाइसेंस वाले का बैठना जरूरी है। वह अकेले वाहन नहीं चला सकता। वहीं अगर वह फोर व्हीलर चलाता है तो उसके बगल वाली सीट पर स्थाई लाइसेंस वाले का बैठना अनिवार्य है।
कोट लर्निग डीएल के लिए ऑनलाइन रिटेन और ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है। पास होने वाले को ही लाइसेंस दिया जाता है। बिना टेस्ट के कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाता है। संजय तिवारी, एआरटीओ प्रशासन आरटीओ ऑफिस परिवहन विभाग