Patna : इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एंट्री की राह अब और मुश्किल होने वाली है. सेंट्रल गवर्नमेंट के प्रपोजल पर भले ही आईआईटीज ने अपना विरोध जता दिया पर प्रपोज्ड फॉर्मेट भी स्टूडेंट्स के लिए खास राहत वाला नहीं है.


अभी फिगर्स क्लीयर नहीं
प्रपोज्ड सीईटी में क्वालिफाई करने के लिए माक्र्स की बहस जारी है, मंथन जारी है। बोर्ड के कितने माक्र्स पर सीईटी में एंट्री मिलेगी, इस पर सस्पेंस अब भी जारी है। इस संबंध में बिहार बोर्ड के सेक्रेटरी ललन झा ने बताया कि अभी फिगर्स क्लीयर तो नहीं है, पर बोर्ड स्टूडेंट्स जिन्हें 65-70 परसेंट माक्र्स मिलेंगे, वे सीईटी के लिए क्वालिफाई कर सकेंगे। जबकि अभी तक आईआईटी की परीक्षा के लिए सभी को मिनिमम 60 परसेंट चाहिए थे। इस मिनिमम क्वालिफाई करने में भी कई बिहारी स्टूडेंट्स पिछड़ ही जाते थे।

मुकाबला कड़ा रहेगा
आईआईटी की राह स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल रहेगी, क्योंकि यहां मार्किंग लो है। इस सच्चाई को बोर्ड भी मानता रहा है। बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल यह है कि अब उनका सीधा कांप्टीशन उन स्टूडेंट्स से है, जिनकी मार्कशीट पर 80 परसेंट के माक्र्स भी आम हैं। वैसे भी बिहार बोर्ड में 80-85 परसेंट लाने वाले स्टूडेंट्स स्टेट टॉपर नहीं, तो डिस्ट्रिक्ट या स्कूल टॉपर तो हो ही जाते हैं। दूसरे बोड्र्स का भी यही हाल है। राजस्थान बोर्ड के चेयरमैन सुभाष गर्ग के अनुसार उनके स्टूडेंट्स को भी सीईटी में क्वालिफाई करने के लिए 70 परसेंट माक्र्स चाहिए होंगे। हालांकि अभी फाइनल डिसीजन नहीं आया है.

Posted By: Inextlive