RANCHI: अगर झारखंड में स्लीपर बस चलानी है, तो आपको केन्द्र सरकार की एजेंसी से स्वीकृति लेनी होगी। मतलब साफ है कि भारत सरकार की एजेंसी से स्वीकृत एवं प्रमाणित स्लीपर बसें चलाने के लिए परमिट लेना होगा। जी हां, झारखंड मोटरगाड़ी करारोपण संशोधन अधिनियम 2011 में व्हील बेस के अनुरूप क्षमता का निर्धारण किया गया है। इस अधिनियम के तहत परिवहन विभाग ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि किसी स्लीपर बस में अगर 40 लोगों के बैठने की क्षमता है और आठ स्लीपर हैं तो उसके रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट में 56 सीटें दर्शाई जाएंगी

आदेश में क्या है

-डीटीओ और एमवीआई केन्द्रीय मोटरगाड़ी नियमावली 1989 के तहत वाहनों की सघन जांच करें।

-स्लीपर बसों का निर्माण बॉडी कोड के अनुरूप किये जाने को अनिवार्य किया गया है।

-भारत सरकार की एजेंसी से स्लीपर बस की बॉडी का प्रोटोटाईप को स्वीकृत एवं प्रमाणित बसें चलाने के लिए ही परमिट दें।

-प्रत्येक वाहन विक्रेता या बस बॉडी निर्माण आदि को डीटीओ से व्यापार प्रमाण पत्र व अधिनियम के तहत भुगतान का निर्देश।

-ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 18 मई को जो नियमावली बनाई है, उसके अनुसार अब एक स्लीपर को दो सीटों के रूप में मान्यता दी जाएगी।

Posted By: Inextlive