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-मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट के नए नोटिफिकेशन से हजारों का भविष्य अधर में लटका

-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से बारहवीं करने वाले भी नहीं हो सकेंगे शामिल

ALLAHABAD: मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट के नए नोटिफिकेशन ने एक झटके में हजारों बच्चों के डॉक्टर बनने के सपने को चकनाचूर कर दिया है। अब वे इस परीक्षा में शामिल ही नहीं हो सकेंगे। सीबीएसई ने 9 फरवरी को नीट की वेबसाइट पर यह नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें साफ कहा गया कि लगातार दो साल में 11 व 12वीं पास नहीं करने वाले स्टूडेंट नीट में शामिल नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग यानी एनआईओएस से 12वीं पास करने वालों को भी एलिजिबिलिटी एरिया से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

ऐन टाइम पर दिया झटका

ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो 11वीं में फेल हो जाने के बाद गैप करके 12वीं का एग्जाम देते हैं। ऐसे हजारों बच्चे नीट परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। अकेले इलाहाबाद में ऐसे बच्चों की संख्या हजारों में है। इसके अलावा एनआईओएस के स्टूडेंट्स को नीट से बाहर किए जाने के बाद इससे जुड़े संस्थानों को भी जोर का झटका लगा है। मदरसों से जुड़े 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स भी सीबीएसई के इस आदेश से निराश हो चुके हैं। यह झटका उन्हे तब लगा जब वे नीट एग्जाम की तैयारी में जोर-शोर से लगे थे।

लगातार विवादों में है नीट

जब से हेल्थ मिनिस्ट्री ने नीट एग्जाम की शुरुआत की है, इसके फैसले लगातार स्टूडेंट्स के लिए सिरदर्द बनते रहे हैं। 2015 और 2016 में दो-दो बार नीट का एग्जाम हुआ। इसके बाद 2017 में नीट के नोटिफिकेशन में 25 साल से अधिक के कैंडिडेट पर बैन लगाने के आदेश का भी जमकर विरोध किया गया था।

कइयों का करियर हो जाएगा खत्म

लगातार दो साल में 11वीं और 12वीं पास करने का नियम छात्रों के पक्ष में नहीं है। ऐसे बहुत से छात्र हैं जो किसी कारणवश 11वीं के बाद 12वीं का एग्जाम नहीं देते। पैसे की तंगी या स्वास्थ्य कारणों से दोनों कक्षाओं में गैप हो जाता है। अब ऐसा हुआ तो छात्रों का डॉक्टर बनने का विकल्प खत्म हो जाएगा।

तैयारी में खर्च हो जाते हैं लाखों

हजारों बच्चों के लाखों रुपए इस आदेश के बाद डूब गए हैं। जानकारी के मुताबिक 15 से 30 हजार रुपए कोचिंग की फीस है और लगभग 80 हजार रुपए सालाना कमरे का खर्च होता है। इसके बाद किताबों व खानपान में का खर्च भी होता है। ऐसे में शहर में रहकर नीट की तैयारी कर रहे छात्रों के लाखों रुपए बर्बाद हो जाएंगे।

हजारों बच्चों का नुकसान हो रहा है। ये बच्चे नीट की तैयारी कर रहे थे। एनआईओएस के जरिए 12वीं पास करने वाले छात्रों के पैरेंट्स भी बहुत परेशान हैं। वे नियम में बदलाव की मांग कर रहे हैं।

ब्रजेश पांडेय, एक्सपर्ट

ऐसे आदेश से बच्चों का भविष्य अधर में पड़ गया है। उनके अभिभावक भी दिक्कत में आ गए हैं। 11वीं और 12वीं के गैप के हजारों स्टूडेंट हैं। यह गैप कई कारणों से होता है। इसलिए यह नियम उनके भविष्य को खराब कर सकता है।

सुजीत सिंह, एक्सपर्ट

Posted By: Inextlive